केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार बजट को पारदर्शी बनाने में कामयाब रही है और इसमें कुछ भी दबा-छिपा नहीं है।
वित्तमंत्री ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम ‘डिमिस्टिफाइंग (रहस्य हटाना) यूनियन बजट 2021-22’ के दौरान कहा, सरकार जो भी उधार ले रही है या खर्च कर रही है, वह सबके लिए ओपन (खुला) है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के सिद्धांत पर चल रही है और केंद्रीय बजट 2021-22 को इसी फिलॉस्फी (दर्शन) के साथ प्रस्तुत किया गया है। निर्मला ने कहा कि सरकार ने उन क्षेत्रों की गतिविधियों पर बड़ा खर्च किया है, जहां अधिक गुणक या लाभ की संभावना है।
उन्होंने कहा कि गुणक वह कुंजी है, जहां पैसा जा रहा है। उद्योग जगत ने इन कदमों की सराहना की है। सरकार का मानना है कि कल्याण तब होता है, जब लोग सशक्त बनते हैं। वित्तमंत्री के अनुसार, सरकार राजकोषीय घाटे की सावधानीपूर्वक निगरानी के लिए भी कदम उठा रही है।
उन्होंने उल्लेख किया कि मूलमंत्र अब यही है कि राजकोषीय घाटा एक ऐसी चीज है, जिससे कोई बच तो नहीं सकता, लेकिन इससे सावधानी से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा, सरकार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज दे सकती है, हालांकि लंबी अवधि के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए वित्त विकास संस्थानों (डीएफआई) का काम है।
मंत्री ने कहा कि यह केवल एक डीएफआई का काम नहीं है, बल्कि यह निजी डीएफआई के लिए एक अवसर भी है। कई निजी डीएफआई प्रतिस्पर्धा के साथ, पूरी प्रक्रिया प्रतिस्पर्धी बन जाएगी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार की ओर से देश में आर्थिक वृद्धि और विकास को फिर से बढ़ाने के लिए वर्ष 2021-22 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही सरकार द्वारा अपनाई गई अंशकालिक राजकोषीय नीति काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ये उपाय देश में अवसंरचनात्मक निवेश के लिए धन बढ़ाने में मदद करेंगे और इससे विकास के लिए गुणक प्रभाव होगा।