कोरोना महामारी के दौर में देश में लगातार महंगाई का सिलसिला जारी है और ऐसे कठिन समय में आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देश में संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और विपक्ष महंगाई के मसले पर लगातार केंद्र की मोदी को घेर रहा है।
वहीं, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार महंगाई, खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है। चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘‘सरकार मुद्रास्फीति, विशेषकर खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है।’’
सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि दालों के ‘बफर’ स्टॉक का इस्तेमाल इन वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल और नवम्बर 2020 के बीच राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लगभग 19 करोड़ लाभार्थी परिवारों को प्रतिमाह एक किलोग्राम प्रति परिवार की दर से मुफ्त में आपूर्ति करने के लिए ‘बफर’ से दालों का उपयोग प्रभावी ढंग से किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा सरकार ने जुलाई, 2021 में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत कुछ दालों पर स्टॉक सीमा लगाई, जिसका कीमतों को कम करने में लाभकारी प्रभाव पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने तूर, उड़द और मूंग की घरेलू उपलब्धता बढाने के लिए आयात प्रतिबंधों में ढील दी और दालों के आयात के लिए म्यांमार, मलावी, मोजाम्बिक के साथ समझौता ज्ञापन भी किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मसूर पर मूल आयात शुल्क तथा कृषि अवसंरचना और विकास उप-कर को क्रमश: शून्य और 10 प्रतिशत तक नीचे लाया गया है।’’
चौधरी ने कहा कि खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर शुल्क में कटौती की गई है और सीपीओ पर प्रभावी कर दर को 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, परिष्कृत पाम तेल/पामोलिन पर शुल्क 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया गया है।’’
वहीं, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार महंगाई, खासकर खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है। चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘‘सरकार मुद्रास्फीति, विशेषकर खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय कर रही है।’’
सरकार की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि दालों के ‘बफर’ स्टॉक का इस्तेमाल इन वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल और नवम्बर 2020 के बीच राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लगभग 19 करोड़ लाभार्थी परिवारों को प्रतिमाह एक किलोग्राम प्रति परिवार की दर से मुफ्त में आपूर्ति करने के लिए ‘बफर’ से दालों का उपयोग प्रभावी ढंग से किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा सरकार ने जुलाई, 2021 में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत कुछ दालों पर स्टॉक सीमा लगाई, जिसका कीमतों को कम करने में लाभकारी प्रभाव पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने तूर, उड़द और मूंग की घरेलू उपलब्धता बढाने के लिए आयात प्रतिबंधों में ढील दी और दालों के आयात के लिए म्यांमार, मलावी, मोजाम्बिक के साथ समझौता ज्ञापन भी किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मसूर पर मूल आयात शुल्क तथा कृषि अवसंरचना और विकास उप-कर को क्रमश: शून्य और 10 प्रतिशत तक नीचे लाया गया है।’’
चौधरी ने कहा कि खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर शुल्क में कटौती की गई है और सीपीओ पर प्रभावी कर दर को 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, परिष्कृत पाम तेल/पामोलिन पर शुल्क 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया गया है।’’