सरकार ने गुरुवार को कहा कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए वह प्रतिबद्ध है और इस काम में पूर्व में सफलता नहीं मिलने को ध्यान में रखते हुए कई चीजों को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सदन में कहा कि पिछली बार विनिवेश में हमें सफलता नहीं मिल पाई। पिछली बार की कमियों को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया है। इस बार हमें विनिवेश में सफलता मिलने का विश्वास है। पुरी ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह भारतीय हाथों में रहे। कोई भारतीय इकाई ही इसे चलाए।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा कि कौन होगा। जो प्रणाली बनी है उसमें यह तय होगा।’’ पुरी ने यह भी बताया कि एयर इंडिया के पास कुछ महत्वपूर्ण कलाकृतियां हैं जिन्हें मॉडर्न आर्ट गैलरी के सुपुर्द किया जाएगा। एयर इंडिया के घाटे के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक घरेलू उड्डयन बाजार की बात है तो केवल एयर इंडिया नहीं बल्कि लगभग सभी विमानन कंपनियां घाटे में हैं।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पुरी ने कहा कि 31 मई 2018 को आखिरी तिथि तक एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली प्राप्त नहीं होने पर, एयर इंडिया के लिए विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र (एआईएसएएम) ने 18 जून 2018 को आयोजित अपनी बैठक में कई निर्णय लिये।
इनमें गैर-महत्वपूर्ण भूमि और भवन संपत्तियों का मौद्रीकरण करना शामिल है जिन्हें पहले ही चिह्नित किया जा चुका है। जवाब के मुताबिक सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि एयर इंडिया और उसकी सहयोगी कंपनियों की वित्तीय स्थिति को अंतिम रूप दिया जाए।