जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासियों में से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को स्मारक से कांग्रेस का नाम हटाने की साजिश करार देते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को इसे वापस लेने की मांग की। जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 पर लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला ने सरकार पर इतिहास को खत्म करने का भी आरोप लगाया।
औजला ने विधेयक का विरोध किया और कहा कि जलियांवाला बाग कांड के बाद स्मारक बनाने के लिए जमीन कांग्रेस पार्टी ने दी थी और स्मारक बनाने का फैसला किया था। इसलिए इसके न्यासी में कांग्रेस के अध्यक्ष का नाम है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने बलिदान दिये, इसलिए पार्टी के नेता का नाम ट्रस्टियों में होना चाहिए। औजला ने आरोप लगाया, “यह विधेयक केवल स्मारक से कांग्रेस का नाम हटाने की साजिश के साथ लाया गया है।”
कांग्रेस सांसद ने भाजपा के मातृ संगठन का भी नाम लिया और कहा कि इस संगठन के किसी नेता ने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया और शहादत नहीं दी। इस पर भाजपा के कुछ सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया और दोनों पक्षों में नोकझोंक भी देखी गयी। औजला ने विधेयक को वापस लेने की मांग की। इससे पहले विधेयक पेश करते हुए संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि यह विधेयक स्मारक से राजनीतिकरण समाप्त कर उसका राष्ट्रीयकरण करने का है।