सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्य पद के लिये योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस संबंध में प्रक्रिया शुरू की गई है और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करने के लिये शीघ्र विज्ञापन जारी किये जाने की संभावना है।
लोकपाल की नियुक्ति से संबंधित मामले पर चर्चा आठ सदस्यीय खोज समिति की बैठक के दौरान हुई थी। उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई खोज समिति की अध्यक्ष हैं।
कार्मिक मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘(खोज) समिति ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्य पद के लिये विचार की खातिर यथाशीघ्र विज्ञापन के जरिये योग्य लोगों से आवेदन आमंत्रित करने का फैसला किया है।’’ बयान में कहा गया है कि आगे की चर्चा के लिये समिति की बैठक एक पखवाड़े के भीतर एक बार फिर से होगी।
बीजेपी कार्यकर्ता इतनी सीटें जिताएं कि विरोधियों के दिल दहल जाएं : अमित शाह
मंगलवार की बैठक उच्चतम न्यायालय के खोज समिति के लिये नामों का पैनल भेजने के वास्ते फरवरी के अंत तक की समय-सीमा निर्धारित करने के कुछ दिन बाद हुई। इन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिये विचार करेगी।
शीर्ष अदालत ने 17 जनवरी को खोज समिति से कहा था कि वह अपनी मंत्रणा पूरी करे और फरवरी के अंत तक उम्मीदवारों के नामों के एक पैनल की सिफारिश करे।
लोकपाल कानून लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिये केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त के गठन का प्रावधान करता है।
खोज समिति का पिछले साल सितंबर में गठन किया गया था। कांग्रेस के इस पर चिंता जताने के बावजूद इसका गठन किया गया था। इसमें भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख ए एस किरण कुमार सदस्य हैं।
उनके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सखाराम सिंह यादव, गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख एस एस खांडवावाला, राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित के पंवार और रंजीत कुमार अन्य सदस्य हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में विपक्ष के नेता, प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा मनोनीत शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश और कोई प्रख्यात विधिवेत्ता इसके सदस्य होते हैं।
चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को समिति में ‘प्रख्यात विधिवेत्ता’ के रूप में समिति का सदस्य मनोनीत किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता पी पी राव की मृत्यु के बाद यह जगह खाली हुई थी।