चुनावी फंडिंग को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को चुनावी बॉन्ड्स रूपरेखा की घोषणा की जो 1,000 रुपये, 10 हजार रुपये, एक लाख रुपये, 10 लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के मूल्य में उपलब्ध होंगे। इसे राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।
लोकसभा में इसका उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चुनावी बांड को अंतिम रूप दे दिया गया है और इस व्यवस्था के आरंभ होने से देश में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की पूरी प्रक्रिया में काफी हद तक पारदर्शिता आएगी। जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को चंदे के लिए ब्याज मुक्त बांड भारतीय स्टेट बैंक से जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्तूबर महीने में खरीदे जा सकते हैं। चुनावी बांड 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, एक लाख रुपये, 10 लाख रुपये और एक करोड़ रुपये के मूल्य में उपलब्ध। उन्होंने राजनीति दलों को चंदे के लिए चुनावी बांड की व्यवस्था को अंतिम रूप दिए जाने की जानकारी दी। वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के दौरान जेटली ने चुनावी बांड शुरू करने की घोषणा की थी। जेटली ने सदन में कहा कि हमने आम बजट के दौरान चुनावी बांड शुरू करने का ऐलान किया था।
सरकार ने इसे अंतिम रूप दिया । उन्होंने कहा कि राजनीति दलों को चंदा देने वाले लोग भारतीय स्टेट बैंक की कुछ तय शाखाओं से चुनावी बांड खरीद सकेंगे और इन चुनावी बांड की मियाद 15 दिनों की होगी। इस मियाद के भीतर पंजीकृत राजनीतिक दलों को चंदे के तौर पर बांड देने होंगे। चुनावी बांड पर देने वाले का नाम नहीं होगा, इसे केवल अधिकृत बैंक खाते के जरिए 15 दिन के भीतर भुनाया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ये चुनावी बांड उन्हीं पंजीकृत राजनीतिक दलों को दिए जा सकेंगे जिनको पिछले चुनाव में कम से कम एक फीसदी वोट मिला । राजनीतिक दल इन चुनावी बांड को भुना सकेंगे। जेटली ने कहा कि वर्तमान समय में राजनीतिक दलों में ज्यादातर चंदा नकदी में मिलता है और इसमें पारदर्शिता ना के बराबर होती है, लेकिन चुनावी बांड की व्यवस्था से काफी हद तक पारदर्शिता आएगी।
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