पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि मदर टेरेसा की ओर से स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सारे बैंक खातों में लेनदेन पर रोक दिया गया है। उनके इस बयान पर सोमवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है। गृह मंत्रालय ने बताया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा, ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचित किया है कि MoC ने स्वयं SBI को अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेज।
खुद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने भेजी थी बैंक खातों को फ्रीज करने की रिक्वेस्ट
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के आवेदन को FCRA 2010 और फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन रूल्स 2011 के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने पर 25 दिसंबर को खारिज कर दिया गया था। एक विज्ञप्ति के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने खुद अपने बैंक खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेजा था।
ममता बनर्जी ने लगाया था आरोप
बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप लगाया था कि केंद्र द्वारा MoC के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि समीक्षा के लिए MoC से कोई अनुरोध या संशोधन आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
पंजीकरण संख्या 147120001 के तहत पंजीकृत मिशनरीज ऑफ चैरिटी का पंजीकरण 31 अक्टूबर, 2021 तक वैध था। मंत्रालय ने कहा कि वैधता को बाद में अन्य एफसीआरए एसोसिएशन के साथ 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया था। MoC के नवीनीकरण आवेदन पर विचार करते समय, केंद्र सरकार के अनुसार, कुछ विरुद्ध इनपुट देखे गए थे।
MoC का FCRA पंजीकरण 31 दिसंबर 2021 तक वैध था
मंत्रालय ने कहा, “इन इनपुट्स को रिकॉर्ड पर ध्यान में रखते हुए, MoC के नवीनीकरण आवेदन को मंजूरी नहीं दी गई थी। MoC का FCRA पंजीकरण 31 दिसंबर 2021 तक वैध था। एमएचए ने MoC के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सूचित किया है कि MoC ने स्वयं SBI को अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेजा था।”
इससे पहले इस पूरे मामले पर ट्वीट करते हुए ममता बनर्जी ने लिखा था, "यह सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर केंद्रीय मंत्रालय ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया। भले कानून सर्वोपरि है, लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।"