मुंबई : वित्तमंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि सरकार एयर इंडिया की प्रबंधकीय प्रक्रियाओं को मजबूत करने और परिचालनात्मक क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है जबकि इसके विनिवेश की योजना विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगी। उल्लेखनीय है कि कर्ज के बोझ से दबी इस सरकारी एयरलाइन को किसी चुनिंदा निवेशक को बेचने का प्रयास सफल नहीं हुआ है। इसके 76 प्रतिशत बेचने के लिए निवादा भरने की तारीख 31 मई तक थी लेकिन कोई बोलीदार नहीं आया। गोयल ने कहा है कि विमानन कंपनी के प्रबंधन को मजबूत करने और उसकी परिचालन क्षमता बेहतर करने के लिए नई कोशिशें की जा रही हैं।
यहां एक प्रेसवार्ता से अलग गोयल ने कहा , ‘‘ अगले 18 महीनों में आपको इन बदलावों का स्पष्ट असर दिखेगा। ’’ विनिवेश योजना के विफल होने के बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि इसकी एक अहम वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ना है जिससे भारत और दुनियाभर में सभी विमानन कंपनियां जूझ रही हैं।
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