लुधियाना- अमृतसर : राष्ट्रवादी छात्र संगठन नेशनल स्टूडेट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने राम कथा वाचक मुरारी बापू के उस तर्क को सनातन धर्म विरोधी बताया जिस में मुरारी बाबू ने कहा कि शमशान घाट में विवाह समारोह और जन्म दिन मनाए जाने चाहिए। बाबू के इस तर्क को संगठन ने ज्योतिश शास्त्र और प्राचीन भारतीय वैदिक सिस्टम के भी खिलाफ बताया है। संगठन ने हिन्दू समाज को मुरारी बापू के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ साथ उसे हिन्दू धर्म विरोधी तर्क राम कथा के दौरान देने के लिए उसका बायकाट करने की अपील है। संगठन ने हिन्दू समाज को उस पंडित प्रभा शंकर को भी दंडित करने की अपील की है जिस पंडित ने अपने पंडित धर्म का पालन न करते हुए गांव तलगाजरड़ा के शमशान घाट में जाकर सजाए मंडप में विवाह मंत्र पढ़ कर महुआ कस्बा के साधू समाज के युवक घनशाम और कोली समाज की लडक़ी पारूल का विवाह संपन्न करवाते हुए 7 फेरे करवाए है।
एनएसएफ के राष्ट्रीय संयोजन महंत अमरनाथ महाराज और महासचिव राजविंदर राजा ने कहा कि शमशान घाट में विवाह कार्य संपन्न करवाना प्राचीन व सनातन धर्म के नियमों के खिलाफ है। राम कथा में शमशान घर को पवित्र बताया जाना तो ठीक है। परंतु नियमों के अनुसार वहां न तो विवाह कार्य संपन्न करवाए जा सकते है और न ही किसी तरह शमशान घाट में जन्म दिन मनाना का कोई नियम है। मुरारी बाबू ने अपनी राम कथा के माध्यम से उक्त तरह का तर्क देकर हिन्दू धर्म में एक गलत रीति चलाने की कोशिश की है। जिस को सनातन धर्म प्रेमी किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। क्योंकि शादी करने वाले घनशायम और लडकी पारूल ने मुरारी बाबू की कथा से प्रभावित होकर ही शमशान में अपनी शादी रचाई है। भारत सरकार को भी चाहिए कि घनशायम और पारूल द्वारा उक्त ढंग से करवाई गई शादी को किसी भी तरह की कानूनी मान्यता प्रदान न की जाए। हिन्दू समाज को इस विवाह समारोह में शामिल होने वाले मोरारी बाबू के भाई देवा काका और पुत्र पार्थिव का भी समाजिक बायकाट किया जाए।
एनएसएफ नेताओं ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर संगठन देश के चारों पीठों के शंकराचार्यों, हिन्दू साधू समाज, हिन्दू संत समाज और आल इंडिया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पदाधिकारियों को इस मामले को हिन्दू समाज में उच्च स्तर पर उठाने के साथ साथ मुरारी बाबू को धार्मिक स्टेजों पर कथा करने रोकने के आदेश जारी करवाएगा।
– सुनीलराय कामरेड