केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि ताइवान को लेकर भारत सरकार की नीति स्पष्ट और सुसंगत है तथा वह व्यापार, निवेश सहित लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्रों में बातचीत को सुविधाजनक बनाती है और इसे प्रोत्साहित करती है।
ताइवान पर भारत सरकार की नीति सपष्ट
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार ताइवान के साथ अपने राजनयिक, आर्थिक, व्यापारिक और द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाने की आशा कर रही है? इसके जवाब में मुरलीधरन ने कहा, ‘‘ताइवान पर भारत सरकार की नीति सपष्ट और सुसंगत है।
भारत और चीन के बीच विवाद
सरकार व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा तथा लोगों के बीच ऐसे अन्य आदान-प्रदान के क्षेत्रों में बातचीत को सुविधाजनक बनाती है और इसे प्रोत्साहित करती है।’’ ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद बना हुआ है जबकि ताइवान के साथ भी चीन के रिश्ते तनावपूर्ण दौर में हैं। ताइवान को चीन एक अलग देश के तौर पर नहीं देखता है जबकि ताइवान स्वयं को एक अलग सार्वभौम देश मानता है।