देश में संसद का मॉनसून सत्र जारी है, ऐसे में पेगासस, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान का विरोध प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर बना हुआ है। लेकिन इसी बीच संसद में विपक्ष के भारी हंगामें के बीच केंद्र सरकार कई विधेयकों को पारित कर रही है।
इसी दौरान सरकार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण गांव लौटने वाले प्रवासी कामगारों के लिये शुरू किये गए गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 39,293 करोड़ के व्यय से 50.78 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार सृजित किया गया। लोकसभा में हेमंत पाटिल और सुनील कुमार सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत सरकार के कुल 12 मंत्रालयों/विभागों ने इस अभियान में भाग लिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति में गांव लौटने वाले प्रवासी कामगारों एवं प्रभावित नागरिकों के लिये गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के दौरान 39,293 करोड़ रुपये के व्यय से 50.78 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार सृजित किया गया।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मांग आधारित मजदूरी रोजगार कार्यक्रम है। इसमें ग्रामीण परिवारों के लिए आजीविका सुरक्षा अर्थात आजीविका का तात्कालिक विकल्प उपलब्ध कराया जाता है। वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 1.89 करोड़ नये रोजगार कार्ड जारी किये गए। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 7.55 करोड़ परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया जो वर्ष 2019-20 की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है।