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राज्यों को पूंजीगत परियोजनाओं के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 15,000 करोड़ रुपये देगी सरकार: वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्यों को चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देगा।

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्यों को चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत परियोजनाओं के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 15,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देगा। पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2021-22 के तहत राज्यों को अवसंरचना परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण/ पुनर्चक्रण और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (एसपीएसई) के विनिवेश को बढ़ावा देना शामिल है। 
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने राज्यों को पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए ब्याज रहित 50 वर्षीय ऋण के रूप में 15,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त राशि देने का फैसला किया है।’’ पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2021-22, के तीन भाग हैं, जिसमें केंद्र द्वारा जारी धन के साथ परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करना जुड़ा हुआ है। 
इसके तहत पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए केंद्र ने 2,600 करोड़ रुपये रखे हैं। इसमें से असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को 400 करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि बाकी राज्यों को इस समूह में 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अन्य सभी राज्यों के लिए 7,400 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। मंत्रालय ने कहा कि यह राशि इन राज्यों को वर्ष 2021-22 के लिए 15वें वित्त आयोग के आवंटन के अनुसार केंद्रीय करों के हिस्से के अनुपात में आवंटित की गई है। 
योजना का तीसरा हिस्सा बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रीकरण / पुनर्चक्रण और एसपीएसई के विनिवेश के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देने के लिए है। मंत्रालय ने बताया कि योजना के इस हिस्से के तहत 5,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। 

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