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सरकार ने लोकसभा में बताया- पुलिस हिरासत में 348 लोगों की मौत हुई, हजारों लोगों का टॉर्चर भी किया गया

केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि पुलिस हिरासत में पिछले तीन साल के दौरान 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोगों को टॉर्चर भी किया गया।

देश में इस समय संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से कई अहम जानकारियां दी जा रही है। मंगलवार को भी सरकार ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया। देश में पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने बेहद ही अहम जानकारी दी है।
केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि पुलिस हिरासत में पिछले तीन साल के दौरान 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोगों को टॉर्चर भी किया गया। मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया कि पिछले तीन साल के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस कस्टडी में 348 लोगों की मौत हो गई।
इसके अलावा हिरासत के दौरान 1,189 लोगों को टॉर्चर भी किया गया। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया है कि यह जानकारी ऱाष्ट्रीय मानवाधिकारी से मिली सूचना पर आधारित है। इस सूचना के मुताबिक साल 2018 में पुलिस कस्टडी के दौरान 136 लोगों की मौत हो गई। साल 2019 में 112 लोग और साल 2020 में 100 लोगों की जान पुलिस कस्टडी में चली गई।
केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2018 में 542 से ज्यादा लोगों को पुलिस हिरासत में टॉर्चर किया गया। इसी तरह साल 2019 में 411 और साल 2020 में 236 लोगों को टॉर्चर किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारियां एक लिखित सवाल के जवाब में दी हैं। आपको बता दें कि अभी हाल ही में यूपी के संतकबीरनगर के बखिया थाना पुलिस की हिरासत में एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत का मामला काफी चर्चित रहा है।
मृतक युवक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि बखिरा पुलिस ने युवक की पिटाई की थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। यह भी आरोप लगा था कि थाने के सिपाही युवक के शव को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गये थे। इस मामले में हंगामा मचने के बाद यहां के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने कहा है कि जांच में जो भी पुलिसकर्मी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।

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