नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि भारत सरकार ईरान में भारतियों के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित करना चाहती है ताकि वह से सभी भारतीय नागरिकों को लाने से पहले वही पर सभी की जांच हो सके। हालांकि ईरान सरकार ने अभी तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। अनुमानत: 1200 भारतीय वर्तमान में ईरान में हैं जिसमें से अधिकतर छात्र और तीर्थयात्री हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘यदि ईरान सरकार अपना सहयोग दे तो वहां भी एक जांच सुविधा की स्थापना की जा सकती है ताकि भारतीयों को वापस लाने से पहले वहां उनकी जांच की जा सके।’’
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे से एक वैज्ञानिक को ईरान भेजा गया है जबकि इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से तीन और वैज्ञानिक बुधवार को शाम चार बजे रवाना होंगे ताकि वहां कोरोना वायरस की जांच की प्रयोगशाला स्थापित करने की व्यावहार्यता का पता लगाया जा सके।
मंत्री ने कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने की देश की तैयारी के तहत 21 निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर सभी विदेशी नागरिकों की अब से स्क्रीनिंग की जाएगी जबकि पूर्व में सूचीबद्ध 12 देशों के नागरिकों की ही स्क्रीनिंग की जा रही थी।
हर्षवर्धन ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के कुल 28 मामले सामने आये हैं। उनमें से एक व्यक्ति दिल्ली से, उसके छह रिश्तेदार आगरा में, 16 इतालवी और उनका भारतीय चालक, एक तेलंगाना में और केरल के तीन पूर्व मामले शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर ईरान में कोरोना वायरस के 2000 मामले सामने आये हैं और इससे 77 मौतें हुई हैं।