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सरकार नियमों में ढील, धन राशि के लिए RBI पर दबाव जारी रखेगी

आरबीआई के साथ जारी गतिरोध के बीच सरकार अधिक कर्ज देने के लिए नियमों में ढील देने और 9.6 लाख करोड़ रुपये की आरक्षित राशि में से कम-से-कम

आरबीआई के साथ जारी गतिरोध के बीच सरकार अधिक कर्ज देने के लिए नियमों में ढील देने और 9.6 लाख करोड़ रुपये की आरक्षित राशि में से कम-से-कम एक तिहाई राशि के हस्तानांतरण के लिए केंद्रीय बैंक पर दबाव देना जारी रखेगी। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। हाल के दिनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर आरबीआई और सरकार के बीच दरार और चौड़ी हो गयी है।

सरकार ने हाल में एनपीए नियमों में ढील देकर कर्ज सुविधा बढ़ाने सहित कई मुद्दों के समाधान के लिए आरबीआई अधिनियम के उस प्रावधान का उल्लेख किया है, जिसका उपयोग पहले कभी नहीं किया गया।

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आरबीआई कानून की धारा 7 के तहत सरकार चाहती है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल तीन चिंताओं को दूर करे। ये चिंताएं अधिशेष कोष, कर्ज और वृद्धि को गति देने के लिये एनपीए नियमों में ढील तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समक्ष नकदी संकट को दूर करने से जुड़ी हैं।

आरबीआई निदेशक मंडल की 19 नवंबर को आयोजित होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाये जाने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार कर्ज सुविधा बढ़ाने के लिए एनपीए नियमों में ढील देने और 9.6 लाख करोड़ रुपये की आरक्षित राशि में से कम-से-कम एक तिहाई के हस्तानांतरण के लिए सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी।

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक केंद्रीय बैंक इससे सहमत नहीं है और वह अपने बही-खाते को मजबूत रखने के लिए अपने पास लाभांश रखना चाहती है।

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