रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस वर्ष भयंकर अकाल की स्थिति ने रमन सरकार की नींद उड़ाई है। राज्य सरकार ने अभी सूखा राहत को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद माना जा रहा है कि आगामी कैबिनेट की बैठक में सरकार राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है। प्रदेश में जरूर सरकार ने किसानों को धान पर बोनस की एक किश्त के तौर पर 2100 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।
इसका फायदा केवल 13 लाख पंजीकृत किसानों को ही मिल पाएगा। ऐसी स्थिति में सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को राहत की जरूरत बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक 12 सितंबर को होने वाली रमन कैबिनेट की बैठक में सूखा राहत के प्रस्ताव पर चर्चा के साथ फैसला हो सकता है। जिलों से मिली शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में वर्तमान में करीब 95 तहसीलों में सूखे के हालात बने हुए हैं। जिलों से सभी कलैक्टरों ने सूखे पर नजरी आकलन के बाद शुरूआती अनावारी रिपोर्ट सौंप दी है। सरकार पर सूखा राहत का दबाव बना हुआ है।
विपक्ष ने सूखा राहत पैकेज की मांग करने हुए सरकार पर दबाव भी बढ़ाया है। ऐसी स्थिति में सरकार ने भी रिपोर्ट को आधार मानकर तैयारी शुरू की है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में सरकार राज्य की इन सभी प्रभावित 95 तहसीलों को सूखा घोषित कर सकती है। सरकार ने बारिश के साथ फसल और पेयजल के मामले में नजरी रिपोर्ट मांगी थी। इनमें रायपुर और दुर्ग के साथ बिलासपुर जिले में स्थिति अधिक खबरा मानी जा रही है।
सरगुजा संभाग के कुछ जिलों और बस्तर संभाग की कुछ जिलों को छोडक़र यहां बारिश की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर मानी गई है। राज्य की 95 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित करने के बाद सरकार की ओर से पैकेज को लेकर भी कवायद होगी। हालांकि इससे पहले सरकार अपनी ओर से राहत दे सकती है। इसके बाद ही केन्द्र सरकार से अतिरिक्त राशि की की मांग हो सकती है।