राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार बैंक सेवाओं को सुगम बनाने और डाकियों की मदद से उसे घर घर तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पिछड़े जिलों को विकास के रास्ते पर लाने के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जनधन योजना के रूप में विश्व के सबसे बड़े आर्थिक समावेशन के अभियान की सफलता के बाद सरकार बैंकिंग सेवाओं को देशवासियों के द्वार तक पहुंचाने का काम भी कर रही है।’’ जनधन योजना के तहत बैंक सुविधा से वंचित लोगों को उसके दायरे में लाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के गांव-गांव में और पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्रों में भी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए तेज़ी से काम हो रहा है। भारतीय डाक भुगतान बैंक के माध्यम से देश के लगभग डेढ़ लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का लक्ष्य है कि हमारे डाकिया-साथी ही चलते-फिरते बैंक बनकर बैंकिंग सेवाएं घर-घर तक पहुंचाएं।’’
पिछड़े जिलों के विकास के बारे में उन्होंने कहा कि देश के 112 ऐसे जिलों के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है। इन जिलों में देश के सबसे पिछड़े 1 लाख 15 हज़ार गांव हैं। इन गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तथा बुनियादी ढांचा के विकास से करोड़ों गरीब परिवारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।