रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसानों को बोनस वितरण के बाद रमन सरकार अब आदिवासी बेल्ट की ओर रूख करेगी। बस्तर में तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी परिवारों को साधने की कवायदें भी हो रही है। राज्य के करीब 12 लाख संग्राहक परिवारों को भी बोनस देने की योजना है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को हालांकि हर साल सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि मिलती रही है। इधर केन्द्र सरकार की ओर से वनोपजों का समर्थन मूल्य घटाने के बाद से ही वनोपज पर निर्भर आदिवासियों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा था।
केन्द्र के फैसले का बस्तर के आदिवासियों पर सबसे अधिक असर पड़ा था। इधर राज्य सरकार ने जरूर तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत देने के लिए बोनस देने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में नए सिरे से बस्तर में सरकार की चुनावी कवायदें होगी। बस्तर में संग्राहक परिवारों को बोनस के फैसले को इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस की ओर से बस्तर में मुहिम तेज करने और आदिवासियों की उमड़ी भीड़ के बाद सत्ताधारी दल ने कुछ अलग रणनीति तय की है।
यही वजह है कि प्रदेश के करीब 12 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों पर फोकस किया गया है। सत्ताधारी दल के रणनीतिकार इस मामले में चुनावी नफे और नुकसान के आंकलन में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर इसे बस्तर में डैमेज कंट्रोल की कोशिशों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य के करीब 13 लाख किसानों को बोनस देने के बाद सरकार ने आदिवासी परिवारों को लक्ष्य किया है। प्रदेश में बीपीएल को लेकर भी सरकार की कई योजनाएं चल रही है। खाद्य सुरक्षा से लेकर केन्द्र की उज्जवला योजना में भी बीपीएल परिवार लाभान्वित होंगे।
इससे सत्ताधारी दल को लाभ मिलने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा रहा है। दीवाली के बाद खुद मुख्यमंत्री रमन सिंह इसका आगाज करेंगे। बस्तर में एक तरह से सरकार का व्यापक कार्यक्रम चलेगा। राज्योत्सव से पहले बोनस वितरण पूरा कर लिया जाएगा