नई दिल्ली : रेलवे की जर्जर हो चुकी पुरानी पटरियां बदलने के लिए सरकार शीघ्र ही बड़े स्तर पर नई पटरियां खरीदेगी। इसके लिए विश्र्व स्तर पर निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। ट्रैक आधुनिकीकरण की इस प्रक्रिया के तहत साल भर के भीतर कुल मिलाकर लगभग दस लाख रोजगार पैदा होने की संभावना है। यह बात रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कही। वह इंडिया इकोनॉमिक समिट के दौरान संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
गोयल ने कहा कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसके वित्तपोषण की कोई सीमा नहीं है। उनका यह बयान हाल के महीनों में हुई कई रेल दुर्घटनाओं के बाद आया है। इन दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान गयी थी।
उन्होंने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूइएफ) के भारत आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मैंने सभी मौजूदा पटरियों के नवीनीकरण के निर्देश दिये हैं ताकि वर्तमान रेल पटरियों को सुरक्षित बनाया जा सके। हम रेल पटरियों की वैश्विक खरीद के विकल्प देख रहे हैं। इससे पटरियां बिछाने और नयी रेल लाइन बनाने के काम को तेजी से किया जा सकेगा। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत जल्द एक वैश्विक निविदा निकाली जायेगी।
रेलवे की सुरक्षा पर गोयल ने कहा, सुरक्षा व्यय के लिए कोई सीमा नहीं है। सुरक्षा भारतीय रेल की प्राथमिकता है। मैंने ऊपरीगामी पैदल पारपथ, प्लेटफॉर्म, प्रवेश एवं निकास बिंदुओं को भी सुरक्षा श्रेणी में रखा है। इसके लिए मैंने 100 साल पुरानी उस व्यवस्था में बदलाव किया है जिनमें इसे सुविधा माना जाता है। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट संपत्तियों के मौद्रिकरण और मौजूदा निवेश योजनाओं को रफ्तार देने से रेलवे और इसके आसपास के पारिस्थितकी तंत्र में रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे।
गोयल ने कहा, मेरा खुद का मानना है कि बेशक ये रेलवे में सीधी नौकरियां नहीं होंगी, लेकिन लोगों को जोड़कर और पारिस्थितकी तंत्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर एक साल में कम से कम दस लाख रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे ट्रैक और सुरक्षा रखरखाव कार्यक्रम पर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रही है। इनसे अकेले दो लाख रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं गोयल ने कहा कि यदि मैं पाइपलाइन के निवेश को देखूं और उसे क्रियाशील करूं, तो इससे मौजूदा परियोजनाओं में 2-2.5 लाख रोजगार पैदा किये जा सकते हैं।