कोरोना संकट के समय इस वायरस से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने एक जून से शुरू होने वाली ट्रेनों में टिकट जांच करने वाले टीटीई कर्मचारियों के लिए नई दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह ट्रेन में टिकट जांच करने के दौरान काला कोट नहीं पहनेंगे और ना ही टाई लगाएंगे।
भारतीय रेल के 167 के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब रेलगाड़ियों में टिकट की जांच करने वाले कर्मचारी अपने पारंपरिक काले कोट एवं टाई नहीं पहनेंगे।
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर रेलवे ने दिशा निर्देश जारी किये हैं जिसके अनुसार एक जून से शुरू होने वाले 100 जोड़ी ट्रेनों में सवार टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों के लिये उन्हें मास्क, दस्ताने और साबुन के अलावा आतिशी शीशा दिया जायेगा ।
रेलवे की ओर से जारी दिशा निर्देशो के अनुसार, 'कोरोना संक्रमण को रोकने अथवा उसके खतरे को कम करने के मद्देनजर टिकट जांच करने वाले कर्मचारियों के लिये कोट एवं टाई की अनिवार्यता समाप्त की जा सकती है। हालांकि, वह इस दौरान अपने नाम ओर पद अंकित बैज पहने रहेंगे ।'
इसमें यह भी कहा गया है कि ट्रेनों में टिकटों की जांच करने वाले सभी टीटीई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उन्हें पर्याप्त संख्या में मास्क, फेस शील्ड, दस्ताने, सिर ढंकने का कवर, सेनेटाइजर, साबुन समेत अन्य वस्तुएं मुहैया करायी जायेंगी।
इसमें यह भी कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की जा सकती है कि टीटीई वास्तव में सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं ।
इसमें कहा गया है कि ट्रेन में सवार टिकट जांच कर्मचारियों को अगर संभव हुआ तो आतिशी शीशा (मैग्निफाइंग ग्लास) दिया जायेगा ताकि वह दूर से ही टिकटों का विवरण देख सकें और शारीरिक संपर्क से बच सकें ।
