निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अपनी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में अपनी अपील पर तत्काल सुनवाई की मांग की। गौरतलब है कि 2012 में पैरामेडिकल की छात्रा का बर्बर गैंगरेप हुआ था और उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था। घटना के कुछ दिन बाद छात्रा की मौत हो गई थी।
मुकेश (32) की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने कहा, ‘‘अगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो इससे अधिक आवश्यक कुछ और हो ही नहीं सकता।’’ साथ ही उन्होंने कुमार के वकील को सुप्रीम कोर्ट के सक्षम अधिकारी से संपर्क करने को कहा।
पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी थे। गौरतलब है कि निर्भया मामले के चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुकेश की दोषसिद्धी और मौत की सजा के खिलाफ दायर सुधारात्मक याचिका खारिज करने के बाद मुकेश सिंह ने दया याचिका दायर की थी।