Gujarat earthquake : गुजरात के भावनगर जिले में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.7 की तीव्रता

Gujarat earthquake : गुजरात के भावनगर जिले में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.7 की तीव्रता
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Earthquake in Bhavnagar: खबर गुजरात से है जहां भावनगर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई है। ये भूकंप रात 9 बजकर 27 मिनट पर महसूस किया गया है। अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

भूकंप की शुरुआत पृथ्वी के भीतर से होती है, जहां चार प्रमुख प्लेट्स इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट मौजूद होती हैं. जब पृथ्वी के नीचे ये प्लेट्स घूमती हैं और आपस में टकराती है, तो पृथ्वी की सतह के नीचे भूचाल उत्पन्न होता है. इससे ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसक जाती है, तो भूकंप के झटके में तबदील हो जाती है. इससे पहले पूर्वोत्तर के राज्य असम में मंगलवार रात करीब 8 बजकर 27 मिनट पर धरती हिलने लगी थी। उस दौरान रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई थी।

क्या होता है भूकंप ?

साधारण शब्दों में भूकंप का अर्थ पृथ्वी की कंपन से होता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा के निकलने के कारण तरंगें उत्पन्न होती हैं जो सभी दिशाओं में फैलकर पृथ्वी को कंपित करती हैं। भूकंप से उत्पन्न तरगों को भूकंपीय तरगें कहा जाता है, जो पृथ्वी की सतह पर गति करती हैं तथा इन्हें 'सिस्मोग्राफ' (Seismographs) से मापा जाता है। पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहाँ भूकंप का केंद्र स्थित होता है, हाइपोसेंटर (Hypocenter) कहलाता है और पृथ्वी की सतह के ऊपर स्थित वह स्थान जहाँ भूकंपीय तरगें सबसे पहले पहुँचती है अधिकेंद्र (Epicenter) कहलाता है।

भूकंप की घटनाओं को या तो कंपन की तीव्रता या तीव्रता के अनुसार मापा जाता है। परिमाण पैमाने को रिक्टर पैमाने के रूप में जाना जाता है। परिमाण भूकंप के दौरान उत्पन्न ऊर्जा से संबंधित है। परिमाण को निरपेक्ष संख्या, 0-10 में व्यक्त किया जाता है। तीव्रता के पैमाने का नाम इटली के भूकंपविज्ञानी मर्केली के नाम पर रखा गया है। तीव्रता का पैमाना घटना के कारण होने वाली दृश्य क्षति को ध्यान में रखता है। तीव्रता पैमाने की सीमा 1-12 है।

जानें कितना रिक्टर स्केल विनाशकारी है

1.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस तीव्रता के भूकंप सिर्फ सीज्‍मोग्राफ पर ही दर्ज हो पाते हैं. आम लोगों को ये महसूस नहीं होते हैं. हर साल ऐसे लगभग 10 हजार भूकंप आते हैं

2.9 रिक्‍टर स्‍केल
2.9 रिक्‍टर स्‍केल के भूकंप से बहुत हल्का सा कंपन महसूस होता है. इससे जानमाल का नुकसान नहीं होता है.

3.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्थिति में हल्‍के झटके महसूस होते हैं. इस तरह का अनुभव महसूस होता है जैसे आपके करीब से कोई गाड़ी निकल गई हो. इनमें भी जानमाल का नुकसान नहीं होता है.

4.9 रिक्‍टर स्‍केल
इसमें हल्के से तेज झटके लगते हैं. अब आपके घर की दीवार पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं, खिड़कियां टूट सकती हैं और इमारतों को नुकसान भी हो सकता है.

5.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्टेज पर घर में रखे फर्नीचर हिलने लगते हैं. मकान की दीवारों में दरारें भी आ सकती हैं.

6 – 6.9 रिक्‍टर स्‍केल
इतनी तीव्रता पर पूरे शहर में भूकंप का प्रभाव दिखता है. कच्चे घर ढ़हा जाते जाते हैं, इमारतों की नींव भी दरक सकती है. हर साल ऐसे करीब 200 भूकंप आते हैं.

7.9 रिक्‍टर स्‍केल
ये भूकंप विनाशकारी होते हैं. बहुत तीव्र कंपन महसूस होते हैं, इस स्थिति में जानमाल का काफी नुकसान होता है. बड़ी इमारतें गिर सकती हैं और सूनामी आने का भी खतरा रहता है.

8.9 रिक्‍टर स्‍केल
जानमाल का बहुत नुकसान होता है. बड़े-बड़े पुल ढह जाते हैं, शहर के शहर तबाह हो जाते हैं.

9.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्टेज पर पृथ्‍वी के बड़े हिस्‍से का नाश हो जाएगा. मैदान की धरती खेत की तरह लहराएगी. फिलहाल तो ऐसी प्रलय की सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं.

10 रिक्‍टर स्‍केल
10 रिक्‍टर स्‍केल का भूकंप इतना विनाशकारी होगा कि इसके आने पर शायद ही धरती पर कोई बचे

11 रिक्टर स्केल
11 रिक्टर स्केल भूकंप आने पर धरती में दरारें आ जाएंगी, मनुष्य जीवन बचना मुश्किल हो जाएगा. सभी जीव जन्तु मारे जाएंगे

12 रिक्टर स्केल
वहीं  अगर किसी वजह से 12 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है धरती के दो टुकडे हो जाएंगे. धरती पर जीव नाम की कोई चीज नहीं बचेगी.

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