साउथ अफ्रीका में कारोबार खड़ा करने वाले सहारनपुर के गुप्ता ब्रदर्स की UAE में गिरफ्तारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

साउथ अफ्रीका में कारोबार खड़ा करने वाले सहारनपुर के गुप्ता ब्रदर्स की UAE में गिरफ्तारी

यूएई में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गुप्ता फॅमिली के दो भाइयों राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय गुप्ता को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।

दक्षिण अफ्रीका में कारोबारी साम्राज्य खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स को UAE में गिरफ्तार कर लिया गया है।  दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। दरअसल, यूएई में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गुप्ता फॅमिली के दो भाइयों राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय गुप्ता को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। 
सहारनपुर के रहने वाले हैं गुप्ता ब्रदर्स 
गुप्ता ब्रदर्स ‘अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता’ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। तीनों भाई 1993 में दक्ष‍िण अफ्रीका पहुंचे थे।  इनके पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की दुकान चलाया करते थे। गुप्ता बंधुओं के पिता सहारनपुर में मसालों के जाने-माने कारोबारी थे।
क्या है गुप्ता ब्रदर्स की गिरफ्तारी की वजह
यह गिरफ्तारी इंटरपोल द्वारा पिछले साल जुलाई में गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के लगभग एक साल बाद हुई है। गुप्ता ब्रदर्स पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया। हालांकि, गुप्ता ब्रदर्स ने इन आरोपों का खंडन किया है।
अधिकारियों ने कहा कि 2018 में दक्षिण अफ्रीका में सरकार से संबद्ध संस्थानों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का घोटाला करने के बाद गुप्ता परिवार स्व-निर्वासन में दुबई चला गया था। दक्षिण अफ्रीका के न्याय एवं सुधार सेवा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘न्याय एवं सुधार सेवा मंत्रालय पुष्टि करता है कि उसे यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों से सूचना मिली है कि भगोड़े राजेश और अतुल गुप्ता को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।’’
विभाग ने कहा, ‘‘यूएई और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आगे की कार्रवाई पर चर्चा जारी है। दक्षिण अफ्रीका की सरकार यूएई के साथ सहयोग करना जारी रखेगी।’’ इंटरपोल ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा पहले से ही वांछित घोषित गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था। रेड नोटिस वैश्विक स्तर पर ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क करने की खातिर जारी किया जाता है, जो लंबे समय से वांछित हैं।
गुप्ता परिवार 2018 में दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर चला गया था। उसी साल व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने जूमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए सिरिल रामफोसा को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था। इससे पहले, दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के कारण गुप्ता ब्रदर्स की गिरफ्तारी को लेकर यूएई के साथ बातचीत के परिणाम नहीं निकलने पर दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त राष्ट्र से आरोपियों को दक्षिण अफ्रीका वापस लाने में मदद करने की अपील की थी। 
जून 2021 में संधि की पुष्टि होने के तुरंत बाद दक्षिण अफ्रीका ने गुप्ता ब्रदर्स के प्रत्यर्पण का अनुरोध करने की प्रक्रिया शुरू की। कई गवाहों ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में ज़ूमा के नौ साल के कार्यकाल में हुए बड़े घोटालों और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्तियों में गुप्ता ब्रदर्स की भूमिका होने की गवाही दी।
कर चोरी को खत्म करने वाले संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वेन डुवेनहेज ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्ता ब्रदर्स ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी।
मूल रूप से भारत के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी। 
उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल कर अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश या तो अब बिक चुकी हैं या फिर बंद हो गई हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था। ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता ब्रदर्स के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था। बीओबी ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।