देश में आई आपदा जैसी स्तिथि में राहत पहुंचाने वाला बल एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा है कि, इस बल का ट्विटर हैंडल हैक कर लिया गया है। उन्होंने रविवार को कहा, हां हम इस मामले को देखेंगे। उन्होंने बताया कि, इसे शनिवार का हैक किया गया था। और यह घटना एनडीआरएफ के 19 जनवरी को अपना 17वां स्थापना दिवस मनाने के कुछ ही दिन बाद हुई है।
अभी भी हैक ही है ट्विटर हैंडल
उन्होंने बताया कि, अभी तक भी एनडीआरएफ का ट्वीटर हैंड़ल हैक ही है और इस पर कोई भी ताजा जानकारी नहीं आ रही है। एनडीआरएफ की स्थापना 19 जनवरी, 2006 को हुई थी और यह बल प्राकृतिक आपदा या मानव जनित 'खतरनाक आपदा की स्थिति या अन्य प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए तैनात किया जाता है। वर्ष 2006 में आठ बटालियनों के साथ शुरू हुए इस बल में 16 सक्रिय बटालियन हैं, जिनमें से प्रत्येक में 1149 कर्मी हैं। एनडीआरएफ ने अपने 3,100 अभियानों में एक लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है। इसने आपदाओं के दौरान 6.7 लाख से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित निकाला है।
केंद्रीय सशस्त्र बलों से लिए जाते है जवान
इस बल के 'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र' (सभी परिस्थितियों में सतत आपदा प्रतिक्रिया सेवा) के एक आदर्श वाक्य के साथ, एनडीआरएफ को अर्ध-सैनिक बल की तर्ज पर स्थापित किया गया है और सीआरपीएफ,बीएसएफ, आईटीबीपी तथा सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों को इस बल में भेजा जाता है। एनडीआरएफ में प्रत्येक बटालियन में तकनीशियन, इंजीनियर, डॉग स्क्वायड, इलेक्ट्रीशियन और मेडिकल/पैरामेडिक्स शामिल हैं।