पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से मुंबई में रहने वाला एक शख्स अपनी ‘दूसरी मां’ से वंचित हो गया। यह शख्स छह साल तक पाकिस्तान की हिरासत में रहा था। ऑनलाइन दोस्त बनी एक लड़की से मिलने के लिए अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान गए हामिद निहाल अंसारी (36) को वहां जासूसी के इल्ज़ाम में छह बरस तक जेल में रहना पड़ा।
उन्हें सैन्य अदालत ने सज़ा सुनाई थी। उन्होंने कहा, ‘‘ सुषमाजी की कोशिशों की वजह से ही मैं घर लौट सका। जब मुझे वाघा-अटारी सीमा पर भारत को सौंपा गया और अपने माता-पिता से मिला, तब मेरी एक मां थी। बाद में जब सुषमा जी से मिला तो उन्होंने गले लगाया और एक मां की तरह मुझे हिम्मत दी। तब मेरे पास दो माएं हो गईं, उनमें से एक को मैंने खो दिया।’’
बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार रात को एम्स में अंतिम सांस ली। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वह 67 साल की थी। अंसारी से पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत लौटने पर सुषमा स्वराज से और बातचीत की थी, तो उन्होंने कहा, ‘‘ सुषमाजी ने सारे इंतजाम कर दिए थे, इसलिए उनसे फिर संपर्क करने की जरूरत ही नहीं पड़ी।’’
उन्होंने कहा कि वह विनम्र सियासतदान थी और वह मुसीबत में फंसे आम नागरिक की मदद के लिए जिस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती थी, इसकी प्रेरणा अन्य नेताओं को भी लेनी चाहिए। अंसारी ने बताया कि जब उन्हें असैन्य जेल में भेजा गया तो उन्हें अपने वकील से मालूम पड़ा कि तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें राजनयिक पहुंच देने की मांग करने के लिए कई पत्र लिखे।
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अंसारी ने बताया, ‘‘ जब मैं घर आया तो मेरे माता-पिता ने बताया कि सुषमाजी ने मेरी रिहाई के लिए बहुत मदद की। जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बेटा कहा और बोलीं, डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि अब तुम अपने घर आ चुके हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तब मुझे अहसास हुआ कि मेरी एक और मां है।’’
अंसारी की 59 साल की मां फौजि़या ने बताया कि सुषमा स्वराज के अथक प्रयास की वजह से ही अंसारी की रिहाई हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री के निधन से हम स्तब्ध हैं और ऐसा लग रहा है कि हमने कोई अपना खो दिया है।