आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को लोकसभा में अपना मुद्दा पेश किया और उस पर चर्चा होने से पहले ही सदन से बहिर्गमन कर गए। इस पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया।
पुरी ने राजघाट समाधि समिति के दो सदस्यों के चयन का प्रस्ताव पेश किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के औपचारिक ध्वनि मत लाने से पहले ही पुरी बहिर्गमन कर गए। इसके बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की अगुआई में कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई और इसे अध्यक्ष के संज्ञान में लाया, जिन्होंने मंत्री को वापस आने का समन भेज दिया।
हंगामे के बाद पुरी ने कहा कि वे सदन से बाहर नहीं जा रहे थे, बल्कि इस मुद्दे पर एक सांसद से चर्चा करने के लिए जा रहे थे। विपक्ष ने उनके बयान पर विश्वास नहीं किया और अध्यक्ष के नए मुद्दे पर जाने तक पुरी को बैठे रहने के लिए कहा।