विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने संभावित दवाइयों और टीका उम्मीदवारों के आकलन के लिए जीव विज्ञान संस्थान (आईएलएस) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) में ‘पशु चुनौती अध्ययन’ मंच की बृहस्पतिवार को आधारशिला रखी। डीबीटी ने एक बयान में बताया कि उन्होंने आईएलएस में कोविड-19 क्लीनिकल नमूनों के लिए बायोरिपोजिटरी (जैव-भंडार) का भी डिजिटल उद्धाटन किया। आईएलएस में इस समय 200 कोविड-19 मरीजों के रक्त,मूत्र, लार और नाक के भीतर से लिए गए 1,000 से अधिक नमूने हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘डॉ. हर्षवर्धन ने संभावित दवाइयों और टीका उम्मीदवारों के आकलन के लिए डीबीटी-आईएलएस में ‘पशु चुनौती अध्ययन’ मंच की भी आधारशिला रखी।’’ हर्षवर्धन ने डीबीटी-आईएलएस के 32वें स्थापना दिवस पर वैज्ञानिकों को भी डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। हर्षवर्धन के हवाले से बयान में कहा गया, ‘‘आईएलएस ने लगभग 500 वायरल जीनोम का अनुक्रमण किया है और 17 वायरल वियोजन (कल्चर्स) एकत्र किए हैं, जो आगामी दिनों में कोविड-19 संबंधी अनुसंधान प्रयासों में मदद करेंगे।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘डीबीटी-आईएलएस ने जनजातीय आबादी की आजीविका में सुधार करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को लागू करने में उत्कृष्टता दिखाई है।’’ मंत्री ने ओडिशा में 1,50,000 से अधिक नमूनों की जांच करने के लिए भी डीबीटी-आईएलएस की प्रशंसा की। हर्षवर्धन ने ‘हिमालयी जैवसंसाधन मिशन’ की भी शुरुआत की, जिसके तहत कृषि, बागवानी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों, पशुधन और सूक्ष्मजीव संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्नत अनुसंधान किया जाएगा।