कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक बार फिर दोहराया है कि देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, केंद्र सरकार का लक्ष्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोरोना संक्रमितों की पहचान और प्रभावी चिकित्सकीय प्रबंधन के जरिये मृत्युदर को कम करना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘आज हमारी चर्चा के दौरान, विशेषज्ञों ने फिर कहा कि भारत में कोई सामुदायिक प्रसारण नहीं है। कुछ स्थानीय पॉकेट हो सकते हैं, जहां ट्रांसमिशन अधिक हैं, लेकिन एक देश के रूप में कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है।’ स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अगुवाई में गुरुवार को मंत्रिमंडल समूह की 18वीं उच्चस्तरीय बैठक हुई।
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हम टीवी पर देख रहे हैं कि भारत कोरोना प्रभावित देशों के मामलों में दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है। इसे सही परिप्रेक्ष्य में देखना आवश्यक है, भारत दुनिया में दूसरी सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश हैं। प्रति मिलियन हमारे मामले 538 हैं, जबकि विश्व औसत 1,453 है।
बैठक में बताया गया कि देश में कोविड-19 संबंधित स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया गया है। देश में इस वक्त कुल 3,914 अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और कोविड केयर सेंटर कोरोना संक्रमितों के उपचार में जुटे हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों में 3,77,737 आइसोलेशन बेड(आईसीयू सपोर्ट रहित), 39,820 आईसीयू बेड और 1,42,415 आक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं।
इसके अलावा अब तक कुल 213.55 लाख एन95 मास्क, 12094 लाख पीपीई किट और 612.57 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां वितरित की जा चुकी हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संबोधन में कहा,‘‘ हमारा ध्यान अब कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन पर होना चाहिए। इसके लिए कंटेनमेंट और सर्विलांस के सख्त कदम उठाये जाने चाहिए, जांच क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए, किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति और बुजुर्गों पर ध्यान देना चाहिए।
आरोज्ञ सेतु जैसे डिजिटल टूल के माध्यम से उभरते हॉटस्पॉट का पूर्वानुमान करना चाहिए और मरीजों की अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया अबाधित होनी चाहिए तथा स्वास्थ्य आधारित बुनियादी ढांचे की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। हमारा लक्ष्य कोरोना संक्रमितों को शीघ्र चिह्नित करके और प्रभावी चिकित्सकीय प्रबंधन के जरिये राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोरोना संक्रमितों की मृत्युदर कम करना और संक्रमण की रोकथाम करना है।’’