दुनियाभर को चपेट में ले चुकी कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन का मानना है कि अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोगों ने लापरवाही नहीं दिखाया होता तो आज देश इस जंग में जीत के और अधिक करीब होता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘‘हम कोविड-19 से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का लगभग सभी लोगों ने निष्ठापूर्वक पालन किया।’’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह से सफल साबित हुआ है और इसने हमें बड़ी चुनौती से निपटने में भी सक्षम बना दिया है।’’
उन्होंने कहा कि अगर देश में 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन नहीं लागू किया गया होता तो भारत की हालत यूरोप के देशों जैसी ही खराब होती। डा. हर्षवर्धन ने कहा कि देश के न तो अभी और न ही आने वाले समय में तीसरे चरण यानि सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में प्रवेश की कोई आशंका है।’’ उन्होंने कहा कि देश के कुल 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं है।
संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर हर्षवर्धन ने कहा कि ‘‘हमने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिये सभी ऐहतियाती कदम उठा लिए थे लेकिन कुछ लोगों के गैरजिम्मेदाराना रवैये, उनके अनियंत्रित व्यवहार से अनेक राज्यों में संक्रमण बढ़ा । नतीजतन 29.3 फीसद नये मामले, एक विशेष समुदाय के कारण उपजे हालात के फलस्वरूप सामने आये हैं।’’ उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुये कहा कि अब इसके विश्लेषण से ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि सारे देश में ऐसे सभी लोगों की तलाश की जाए, उनका उपचार किया जाए, जो कि हम कर रहे हैं।’’
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चिकित्सा उपकरणों की कमी के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम उपकरणों की उपलब्धता पर चौबीसों घंटे नजर रखते हैं और इनकी बिल्कुल भी कमी नहीं होने देते। इसके लिए एक नहीं अनेक प्रकार की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को ही वेंटिलेटर की जरूरत होती है। इस समय बड़ी संख्या में वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है और कोविड-19 के विशेष अस्पतालों में 10,600 से अधिक संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध है। 55,884 वेंटिलेटर की खरीद के आर्डर दे दिये गये हैं।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की देश में कमी होने के बावजूद अन्य देशों को निर्यात करने के फैसले के पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘‘कुछ देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पूर्ति की जा रही है, इसका यह मतलब नहीं कि देश में इस दवा की कमी हो जाएगी। हमारे लिए देशवासियों की जरूरत पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता है और सदैव बनी रहेगी।’’
चिकित्साकर्मियों पर हो रहे हमलों के बारे में हर्षवर्धन ने कहा कि ‘‘कोरोना योद्धाओं के साथ बदसलूकी की अवांछित घटनायें हुई हैं। इन घटनाओं पर गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेकर ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। मेरा विश्वास है कि अब हमारे स्वास्थ्य योद्धाओं को निडर होकर काम करना चाहिए क्योंकि सरकार पूरी ताकत के साथ उनके लिये खड़ी है।’’