विदेशी को भेजी जा रही वैक्सीन पर भारतीय करदाताओं का पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है, साथ ही वैक्सीन डोज के उपयोग को लेकर भी उन्ही मानदंडों का उपयोग किया जा रहा है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बनाए हैं। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में कही।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वैक्सीन डोज के उपयोग में एक स्वस्थ संतुलन बनाकर रखा जा रहा है। कल 30 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दिया गया और अब तक 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। वैक्सीन का उपयोग विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार ही किया जा रहा है। यह कई दिनों तक चलने वाली प्रक्रिया है और इसके तहत प्राथमिकता वाले समूहों में से कोई भी व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन कराके कभी भी वैक्सीन ले सकता है। यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में निशुल्क और निजी अस्पतालों में केवल 250 रुपये में लगाया जा रहा है।”
इसके अलावा हर्षवर्धन ने राज्यसभा अध्यक्ष को यह भी बताया कि 72 देशों में अब तक 5.94 करोड़ टीके भेजे गए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के सदस्य सुखराम सिंह यादव ने कहा कि क्या 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को घर पर ही टीका लगाने की व्यवस्था की जा सकती है। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि इस मामले को एक विशेषज्ञ समिति के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को हमने हरी झंडी दे दी है, लेकिन अस्पतालों में टीकाकरण कराने वाले सभी लोगों को 30 मिनट के लिए निगरानी में रखना होता है। ऐसे में यह मामला विशेषज्ञ समिति के सामने उठाया जाएगा और यदि इससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है तो इस पर विचार किया जा सकता है।”
ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजील में मिले वैरिएंट के खिलाफ इन टीकों की प्रभावकारिता को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि म्यूटेशन को बेअसर करने के लिए एक विशेष टीके को ही प्रभावी माना जाता है। साथ ही उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन अगेंस्ट कोविड-19 (एनईजीवीएसी) के साथ मिलकर देश के बाहर हो रही नई घटनाओं पर नजर रख रहा है।
इस बीच कांग्रेस के सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने टीकाकरण की धीमी गति पर हमला करते हुए कहा, “अब तक केवल 0.35 प्रतिशत लोगों को ही टीका लगाया गया है। इस रफ्तार से काम हुआ तो पूरी आबादी का टीकाकरण करने में 18 साल लग जाएंगे।”