दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर तक पहुंचने के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों से जुड़ राज्यों की सरकारों को इसमें कमी लाने और श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा। वर्धन जलवायु परिवर्तन से जुड़ अहम सम्मेलन के लिए अभी जर्मनी में हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित सभी संबंधित राज्य सरकारों की कई बैठकें हुई हैं और स्थिति से निपटने के लिए जरूरी उपायों पर सहमति बनी है और समय-समय पर उसकी समीक्षा की जा रही है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पूरी दिल्ली के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ जिले आते हैं।
एक आधिकारिक बयान में उनको उद्धत करते हुए कहा गया है, (मंत्री ने) एनसीआर से जुड़ सभी राज्यों की सरकारों को वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने और उनको स्वीकार्य स्तर तक लाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। मंत्री ने पंजाब, हरियाणा और उथर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाने से जुड़ प्रतिबंध को लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों के कारण कुछ क्षेत्रों में स्मॉग उच्च स्तर पर है। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन से मिलने का समय मांगा है, जिसे उनके बॉन में होने के कारण तय नहीं किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ने पर्यावरण मंत्री से समय मांगा है। हालांकि उनके (वर्धन के) कार्यालय ने जवाब में कहा है कि वह इस समय उपलब्ध नहीं हैं और अभी (देश से) बाहर हैं। नौ नवंबर के बाद ही मुलाकात संभव है।
इसी बीच वर्धन ने कहा कि दिल्ली सरकार को अगर लगता है कि शहर में धूल से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हवा से पानी का छिड़काव सबसे किफायती उपाय है तो वह ऐसा करने को स्वतंत्र है। गौरतलब है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने हाल में वर्धन को पत्र लिखकर केंद, से धूल को शांत करने के लिए हेलीकॉप्टर या किसी अन्य वायुयान से पानी के छिड़काव का आग्रह किया था। इस पर केंद, के सहमत नहीं होने से जुड़ खबरों के बारे में वर्धन ने कहा कि उनका मंत्रालय पहले ही इस आग्रह को लेकर अपना जवाब दे चुका है।