देशी नस्ल की गायों पर केंद्र के कार्यक्रम की गति से नाखुश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने अधिकारियों को मिशन की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह तिमाही आधार पर कार्यक्रम की समीक्षा करेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के प्राध्यापक वीरेंद्र कुमार ने इस बारे में जानकारी दी।
वह भारत में देशी नस्ल की गायों के पंचगव्य पर अनुसंधान संवर्द्धन के जरिए इसके वैज्ञानिक उपयोग कार्यक्रम के संयोजक हैं। उन्होंने बताया कि मंत्री ने मंगलवार को वीडियो के कांफ्रेंस माध्यम से एक बैठक की। कुमार ने बताया, ‘‘एक संक्षिप्त नोटिस पर यह बैठक बुलाई गई थी।
मंत्री इसकी (मिशन की) प्रगति को लेकर नाराज हैं। उन्होंने परियोजना का हिस्सा रहे अधिकारियों को भी बदल दिया और अन्य से मिशन का कार्य तेज गति से करने को कहा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘मंत्री खुद तिमाही आधार पर प्रगति की समीक्षा करेंगे।’’
गौरतलब है कि 2017 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गोमूत्र सहित अन्य पंचगव्य पर वैज्ञानिक वैधता वाले अनुसंधान के लिए एक समिति गठित की थी। पंचगव्य में दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर शामिल हैं।
कुमार ने बताया कि मिशन को 337 परियोजनाओं प्राप्त हुई हैं, जिनमें 170 का विशेषज्ञ समिति ने चयन किया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि चयनित संस्थानों को अनुसंधान करने के लिए गौशालाओं से जोड़ा जाएगा ताकि कच्चा माल प्राप्त करने में एकरूपता रहे।