केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 8 जनवरी को कोविड-19 वैक्सीन के देशव्यापी ड्राइ रन की तैयारी को लेकर समीक्षा की। केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 वैक्सीन के रोलआउट के लिए कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 700 से अधिक जिलों में अब शुक्रवार को ड्राई रन का एक और दौर आयोजित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला 3 प्रकार के सत्र स्थलों की पहचान करेगा, जो पिछले ड्राई रन के समान है, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा जैसे जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज, निजी स्वास्थ्य सुविधा और ग्रामीण या शहरी आउटरीच साइट शामिल हैं। मॉक ड्रिल के माध्यम से कोविड-19 रोलआउट के सभी पहलुओं पर राज्य, जिला, ब्लॉक और अस्पताल स्तर के अधिकारियों को परिचित कराया जाएगा।
यह गतिविधि प्रशासकों को नियोजन, कार्यान्वयन और रिपोटिर्ंग मेकैनिज्म के बीच संबंधों को मजबूत करने, वास्तविक कार्यान्वयन से पहले किसी भी संभावित चुनौतियों की पहचान करने और वैक्सीनेशन अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों को विश्वास प्रदान करने में मदद करेगी। संपूर्ण वैक्सीनेशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वैक्सीन स्टॉक की वास्तविक जानकारी, उनके भंडारण के तापमान और कोविड-19 वैक्सीन के लिए लाभार्थियों के व्यक्तिगत ट्रैकिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर को-विन विकसित किया गया है।
यह सॉफ्टवेयर वैक्सीनेशन सत्रों के संचालन में सभी स्तरों पर कार्यक्रम प्रबंधकों की सहायता करेगा। इसके साथ ही को-विन ऐप के यूजर्स के तकनीकी प्रश्नों के लिए एक समर्पित 24 घंटे चलने वाला कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है।कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू करने के लिए वॉक-इन-फ्रीजर, वॉक-इन-कूलर, आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, डीप फ्रीजर के साथ-साथ सिरिंज और अन्य लॉजिस्टिक्स की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
वैक्सीनेशन स्थलों पर इस प्रक्रिया में लगभग 1.7 लाख वैक्सीनेटर और तीन लाख वैक्सीनेशन टीम के सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें लाभार्थी सत्यापन, वैक्सीनेशन, कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन, एईएफआई प्रबंधन और को-विन सॉफ्टवेयर की रिपोटिर्ंग शामिल है। कोविड-19 वैक्सीन रोल-आउट के सभी पहलुओं पर विस्तृत परिचालन दिशानिर्देश (सत्र नियोजन और प्रबंधन, सेशन साइट लेआउट और इसके संगठन, एईएफआई प्रबंधन, आईईसी मैसेज, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण प्रैक्टिस आदि शामिल हैं) पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किए जा चुके हैं।
बीते 2 जनवरी को लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने देश के दूरदराज इलाकों सहित कई लाखों लोगों को दिए जाने वाले वैक्सीनेशन के संबंध में जागरूक और प्रशिक्षित करने के संबंध में अधिकारियों की क्षमता और तत्परता का आकलन करने के लिए 125 जिलों में फैले 285 सत्र स्थलों पर ड्राई रन का आयोजन किया था। वहीं पहला ड्राई रन 28 और 29 दिसंबर को आंध्र प्रदेश, राजकोट और गुजरात के गांधीनगर जिले, पंजाब के लुधियाना और पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर और असम के सोनितपुर और नलबाड़ी जिलों में आयोजित किया गया था।
केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है। यह एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ, 2 करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों को दिया जाएगा, इनमें ज्यादातर वो लोग शामिल हैं, जो किसी तरह के बीमारी से ग्रसित हैं, या जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि 13 जनवरी तक वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाएगा।