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किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को विफल करने के लिए हरियाणा ने पंजाब के साथ लगी सीमा सील की

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ को विफल बनाने के लिए उसके एक दिन पहले बुधवार को हरियाणा ने पंजाब से सटी अपनी सीमा पर अवरोधक लगाए हैं और पड़ोसी राज्य के साथ बस सेवा भी निलंबित कर दी है।

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ को विफल बनाने के लिए उसके एक दिन पहले बुधवार को हरियाणा ने पंजाब से सटी अपनी सीमा पर अवरोधक लगाए हैं और पड़ोसी राज्य के साथ बस सेवा भी निलंबित कर दी है। 
हरियाणा पुलिस ने किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए अंबाला और कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी की बौछारों का भी उपयोग किया। 
भाजपा शासित हरियाणा ने किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के मद्देनजर पंजाब के साथ अपनी बस सेवा बुधवार से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। 
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमने पंजाब के लिए रोडवेज सेवा अगले दो दिन के लिए निलंबित कर दी है।’’ 
अधिकारियों ने बताया कि इसबीच बुधवार की शाम चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग ने भी किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर अगले दो दिन के लिए हरियाणा की अपनी बस सेवा निलंबित कर दी है। 
वहीं, ठंड और बारिश से जूझते हुए हजारों की संख्या में किसान अंतरराज्यीय सीमा पर अपने ट्रैक्टरों के साथ पंजाब में जमा हुए। उन्हें आगे दिल्ली की ओर बढ़ना था लेकिन सीमा पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के कारण उन्हें पंजाब में ही रुकना पड़ा। 
किसानों के मार्च वाले दिनों 26-27 नवंबर को हरियाणा पंजाब के साथ अपनी सीमाएं पूरी तरह सील कर देगा। 
हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के मद्देनजर वे इतनी बड़ी संख्या में लोगों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। हरियाणा प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को जमा होने से रोकने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लगाई है। 
इसबीच अंबाला के मोहरा गांव में जीटी रोड पर हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह के नेतृत्व में आज दिन में बड़ी संख्या में एकत्र किसान शाम को कथित रूप से अवरोधक पार करने लगे, जिसके कारण पुलिस को उनपर पानी की बौछार करनी पड़ी। 
इसके बावजूद कुछ लोग अंमाला-कुरुक्षेत्र सीमा पर त्योरा-त्योरी गांव तक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां पुलिस को फिर से उनपर पानी की बौछार करनी पड़ी। 
किसानों द्वारा सड़कें अवरुद्ध किए जाने के कारण घंटों जाम लगा रहा। अधिकारियों ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में भी घंटों जाम की स्थिति रही। 
गुरनाम सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘पुलिस लाठी चार्ज करे या बल प्रयोग करे, किसानों को कोई नहीं रोक सकता। हम दिल्ली की ओर अपना मार्च जारी रखेंगे। हम केन्द्र को किसान विरोधी काले कानून वापस लेने पर मजबूर करेंगे।’’ 
किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं। सर्दी के इस मौसम में वे अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में या फिर सड़कों के किनारे अस्थाई तंबू लगाकर रहेंगे। 
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने पत्रकारों से कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए और किसानों के प्रदर्शन मार्च के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। 
हरियाणा पुलिस विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी करा रही है। 
खनौरी अंतरराज्यीय सीमा पर ड्यूटी पर तैनात पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि हरियाणा पुलिस ने क्रेन की मदद से सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर रखे हैं और दूसरी ओर से यातायात की आवाजाही ठप है। 
उन्होंने कहा, ‘‘हम वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेज रहे हैं। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित ना हो।’’ 
जालंधर से आवश्यक वस्तुएं लेकर मुंबई जा रहे एक ट्रक चालक ने बताया कि फतेहाबाद में परिवहन की अंतरराज्यीय आवाजाही बंद होने के कारण वह फंस गया है। 
इसबीच हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। 
उन्होंने दावा किया कि भाजपा नीत सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है और केन्द्र के कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने से उन्हें रोकना चाहती है। 
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की चिंताएं दूर करने का अनुरोध किया। 
उन्होंने ट्वीट किया कि किसानों के साथ सरकार की झड़प पंजाब और देश को ‘अनिश्चितता’ की ओर ले जा रही है। 

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।