Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, उठी कमेटी बनाने की मांग Hathras Stampede: Hathras Stampede Case Reached Supreme Court, Demand For Forming A Committee Arose

Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, उठी कमेटी बनाने की मांग

Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। दायर याचिका में हाथरस भगदड़ की जांच के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए निर्देश देने की मांग उठाई है। इसमें समिति से बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशा-निर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

  • हाथरस भगदड़ मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है
  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है
  • 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए निर्देश देने की मांग उठाई है

अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग

वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को हाथरस भगदड़ की घटना में शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाह आचरण के लिए लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। इसमें शीर्ष अदालत से सभी राज्य सरकारों को किसी भी धार्मिक आयोजन या अन्य आयोजनों में लोगों की सुरक्षा के लिए भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश और दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश देने के लिए कहा गया, जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं।

अतीत में भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं



उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकर हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों समेत 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम में दो लाख से ज़्यादा श्रद्धालु जुटे थे, जबकि सिर्फ़ 80,000 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी। अपनी याचिका में अधिवक्ता ने अतीत में हुई ऐसी कई भगदड़ जैसी घटनाओं का हवाला दिया, जिसमें 1954 में कुंभ मेले में हुई भगदड़ शामिल है, जिसमें लगभग 800 लोगों के मारे जाने की खबर है, 2007 में मक्का मस्जिद में हुई भगदड़ में 16 लोगों के मारे जाने की खबर है, 2022 में माता वैष्णो देवी मंदिर में हुई मौतें, 2014 में पटना के गांधी मैदान में दशहरा समारोह के दौरान हुई मौतें और इडुक्की के पुलमेडु में लगभग 104 सबरीमाला श्रद्धालुओं की मौत शामिल है। याचिका में कहा गया है, “ऐसी घटनाएं प्रथम दृष्टया सरकारी अधिकारियों द्वारा जनता के प्रति जिम्मेदारी में चूक, लापरवाही और कर्तव्यहीनता की गंभीर स्थिति को दर्शाती हैं। पिछले एक दशक में, हमारे देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुप्रबंधन, कर्तव्य में चूक और लापरवाह रखरखाव गतिविधियों के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है, जिन्हें टाला जा सकता था, लेकिन इस तरह की मनमानी और अधूरी कार्रवाइयों के कारण इस तरह के काम हुए हैं।”

CM योगी ने घायलों से की मुलाकात



हाथरस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को खुद फील्ड में उतरे हैं। वह हाथरस पहुंच गए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों और सांसद से पूरी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और फिर अस्पतालों में घायलों से मुलाकात करने पहुंचे। सीएम योगी खुद पूरे घटनाक्रम की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री का राजकीय हेलीकॉप्टर हेलीपेड पर उतरा। उसके बाद उन्होंने अपने मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों से घटना की जानकारी ली। फिर अस्पताल के लिए रवाना हुए। सीएम योगी के आने की खबर के बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा के तगड़े प्रबंध किए गए। ओपीडी को कुछ देर के लिए बंद किया गया। हाथरस में हुई भगदड़ घटना पर यूपी के मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है, घायलों का इलाज चल रहा है। सीएम घायल व्यक्तियों और उनके परिवारों से मिलने के लिए हाथरस पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री घटना की खबर पल-पल हमसे और प्रशासन के माध्यम से ले रहे हैं। घटना के लिए जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि हाथरस में मंगलवार को सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 121 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 28 लोग घायल हैं। हाथरस पहुंचने के बाद सीएम योगी ने यहां सर्किट हाउस में हालात का जायजा लिया।

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