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HC : इलाहाबाद हाईकोर्ट गाजीपुर के समाजवादी पार्टी के सांसद अफजल अंसारी द्वारा दायर अपील पर सोमवार यानी आज अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़े गैंगस्टर एक्ट मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें सुनाई गई चार साल की सजा को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने इससे पहले 4 जुलाई को अंसारी की अपील पर सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Highlight :
अफजल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में गाजीपुर की विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए ने दोषी ठहराया था और चार साल की सजा सुनाई थी। अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखता है, तो अंसारी को अपनी सीट छोड़नी होगी। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर सीट जीती थी। उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी सांसद या विधायक को "ऐसी सजा की तारीख से" अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक अयोग्य घोषित किया जाएगा। अफजाल अंसारी ने सजा रद्द करने की मांग करते हुए अपील दायर की थी।
दूसरी ओर, राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष कुमार राय ने उनकी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए अपील दायर की थी। अफजाल अंसारी की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और दयाशंकर मिश्रा तथा अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कहा था कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले के बाद अंसारी के खिलाफ शुरू की गई गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई अवैध थी।अफजाल अंसारी गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई हैं, जिनकी हाल ही में यूपी की जेल में मौत हो गई थी। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में उनका मुकाबला भाजपा के पारसनाथ राय और बसपा के उमेश कुमार सिंह से था।
अंसारी ने पारस नाथ राय के खिलाफ 1,24,861 मतों के अंतर से जीत हासिल की। इससे पहले अप्रैल 2023 में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद राय की हत्या से संबंधित अपहरण और हत्या के एक मामले में तत्कालीन बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को दोषी ठहराया था और उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी। उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने मामले में मुख्तार अंसारी को भी दोषी ठहराया था और उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। जेल में बंद माफिया पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।