बिहार सरकार में स्वास्थ्य कर्मी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर थे जिस पर सरकार ने उनके कुछ मागों को मान लिया है उसके बावजूद भी अगर स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर जाते है तो हेल्थ कर्मचारियों को चौबीस घंटे की मोहल्लत दी है वे हड़ताल से वापस आ जाये। उनका जो भी समस्या है उसे मान लियागया है। ये बातें आज स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि जनता के भलाई के लिए और मरीजों के लिए मैं सभी कर्मचारियों से अपील करता हूॅ कि वे हड़ताल समाप्त कर जनता के समस्या में जुट जायें। उन्होंने कहा कि जितनी संख्या मीडिया में दर्शाया गया था उसमें 17 हजार संविदा पर काम करने वाले हैं, कई जिलों से लगभग नौ हजार कर्मी हैं, बहिष्कार करने वाले लगभग केवल दो हजार स्वास्थ्य कर्मी हैं जिसकी सूचना आ रही है।
राज्य स्वास्थ्य समिति ममता कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति प्रसव एक सौ रुपये से बढ़ाकर तीन सौ रुपये 2016 में कर दिया गया था। संजीवनी के डाटा ऑपरेटर की राशि बढ़ा दी गयी है जो कर्मी तीन वर्ष सेवा पूर्ण कर चुके हैं उनको मानेदय दस प्रतिशत और जो कर्मी पांच वर्ष अपनी सेवा पूर्ण कर चुके हैं उन्हें 15 प्रतिशत मानदेय में वृद्धि की गयी है।
सभी कर्मियों को संविदा अवधि की विस्तार तीन वर्ष पूरा करने पर उन्हें बिहार सरकार में 65 साल तक सेवा देने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है। उनके जो भी सेवा कर्मी के आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार वालों को चार लाख रुपया एक मुश्त अनुग्रह राशि भुगतान की जायेगी। श्री महाजन ने कहा कि ईपीएफ कटौती के सबंंध में विचार किया जा रहा है। जिसका पत्र केन्द्र सरकारको भेजी जा रही है।
जो कर्मी बहिष्कार किये थे कि नो वर्क नो पे के आधार पर उक्त अवधि का मानदेय नहीं दिया जायेगा। जो स्वास्थ्य कर्मी सेवाओं को प्रभावित कर रहे हैं उनके प्रक्रिया का पालन कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए संविदा के आलोक में कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी को अब एक जिले से दूसरे जिलों में स्थानांतरण किया जायेगा।
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