दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह INX मीडिया धन शोधन मामले में कार्ति चिदंबरम के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमन की जमानत रद्द करने से जुड़ी प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर दिसंबर में सुनवाई करेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी को बताया कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना आदेश पांच सितंबर तक के लिये सुरक्षित रखा है।
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कार्ति, उनके पिता पी चिदंबरम और भास्कररमन धनशोधन मामले में आरोपी हैं। ईडी की तरफ से पेश हुए केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अमित महाजन ने अदालत से अनुरोध किया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसी मामले से संबंधित चिदंबरम की याचिका पर आदेश पारित करने के बाद ही इस मामले की सुनवाई की जाए। उच्च न्यायालय ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिये पांच दिसंबर की तारीख तय की है।