बेंगलुरू : केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े और पार्टी सांसद नलिनकुमार कतील भी शुक्रवार को नाथूराम गोडसे विवाद में उतर आये और महात्मा गांधी के हत्यारे के बारे में ट्वीट किये जिसने भाजपा को असहज स्थिति में डाल दिया।
कर्नाटक में फिर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हेगड़े और कतील की ओर से ट्वीट भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा गोडसे को देशभक्त बताने वाली टिप्पणी के बाद और उनके बयान से पार्टी द्वारा स्वयं को अलग करने से पहले किये गए थे।
ठाकुर ने अपनी टिप्पणी के कुछ ही घंटे बाद यह कहते हुए माफी मांग ली कि वह गांधी का सम्मान करती हैं और देश के लिए किये गए उनके कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता।
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गोडसे विवाद में उतरते हुए कतील ने ट्वीट किया, ‘‘नाथूराम द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या एक है। अजमल कसाब द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या 72 है। राजीव गांधी द्वारा मारे गए व्यक्तियों की संख्या 17000 है। अब आप मुझे बताइये सबसे क्रूर कौन व्यक्ति है?’’एक अन्य ट्वीट केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर आया।
हेगड़े की ओर से एक महिला के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा गया, ‘‘मुझे प्रसन्नता है कि सात दशक बाद आज की पीढ़ी एक बदले हुए वैचारिक माहौल में बहस कर रही है और दोषी को सुने जाने की अच्छी गुंजाइश देती है। नाथूराम गोडसे को भी आखिरकार इस बहस से खुशी हुई होगी।’’
हेगड़े के पेज पर एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘‘ अपनी बात पर जोर देने तथा क्षमा मुद्रा से बचने का समय आ गया है। अभी नहीं …तो कब? ’
यह टिप्पणी शकुंतला अय्यर के इस ट्वीट साझा करते हुए की गयी कि ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जेएनयू वामपंथी समुदाय की जागीर नहीं है। यदि वे एक पाकिस्तानी कसाब के साथ खड़े हो सकते हैं जिसने सरेआम भारतीयों की हत्या की और जिसके सबूत हैं, तो गोडसे के समर्थन में और गांधी के खिलाफ लिखी गई बातों को कम से कम पढ़ा क्यों नहीं जा सकता। सहमति या असहमति।’’
ट्वीट को बाद में डीलीट कर दिया गया और हेगड़े के हैंडल पर एक अन्य ट्वीट आया। उसमें लिखा था, ‘‘मेरा अकाउंट कल से हैक कर लिया गया था। गांधीजी की हत्या को उचित ठहराने का कोई सवाल नहीं। गांधीजी की हत्या को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। गांधीजी द्वारा देश के लिए किये गए योगदान के प्रति हम सभी का पूर्ण सम्मान है।’’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हेगड़े के इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुए कि उनके ट्विटर हैंडल को हैक कर लिया गया था। उन्होंने विवादास्पद टिप्पणी करने वाले पार्टी नेताओं को कड़ी चेतावनी दी।
शाह ने कहा, ‘‘इन लोगों ने अपने बयान वापिस ले लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है।’’
हेगड़े और कतील की टिप्पणियों की कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से व्यापक आलोचना की गई। कांग्रेस ने टिप्पणी के खिलाफ शनिवार को पूरे राज्य में प्रदर्शन करने का निर्णय किया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने हुब्बली में कहा, ‘‘हमने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान के खिलाफ कल देशभर में प्रदर्शन करने का निर्णय किया है कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त था। हेगड़े और कतील भी उनके बयान के समर्थन में खड़े हैं।’’
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा उनके विचार का अनुमोदन नहीं करती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उन्हें पार्टी से बाहर कर चुके होते।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ठाकुर, हेगड़े और कतील के बयानों की निंदा करते हुए कहा, ‘‘प्रज्ञा सिंह ठाकुर आरएसएस की पुत्री है। वह एक आतंकवादी की तरह है। क्या हम उनसे इससे बेहतर की उम्मीद कर सकते हैं…।’’