बाढ़ की गंभीर त्रासदी झेल रहे केरल में राहत और बचाव कार्य में अभूतपूर्व योगदान के लिये सशस्त्र बलों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केरल में चल रहे बचाव कार्य के नायक सशस्त्र बलों के जवान हैं जिन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कठिन परिश्रम करने वाले किसानों के लिए मानसून नयी उम्मीदें लेकर आता है। भीषण गर्मी से झुलसते पेड़-पौधे, सूखे जलाशयोँ को यह राहत देता है लेकिन कभी-कभी यह अतिवृष्टि और विनाशकारी बाढ़ भी लाता है।
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उन्होंने कहा कि प्रकृति की ऐसी स्थिति बनी है कि कुछ जगहों में दूसरी जगहों से अधिक बारिश हुई और इसे हम सब लोगों ने देखा है ।
उन्होंने कहा कि केरल में भीषण बाढ़ ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आज इन कठिन परिस्थितियों में पूरा देश केरल के साथ खड़ा है। हमारी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को गँवाया है ।
मोदी ने कहा, ‘‘जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन मैं शोक-संतप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि सवा-सौ करोड़ भारतीय दुःख की इस घड़ी में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मेरी प्रार्थना है कि जो लोग इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए हैं, वे जल्द से जल्द स्वस्थ जो जायें ।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि राज्य के लोगों के जज़्बे और अदम्य साहस के बल पर केरल शीघ्र ही फिर से उठ खड़ा होगा।’’
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि सशस्त्र बलों के जवान केरल में चल रहे बचाव कार्य के नायक हैं। उन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वायु सेना हो, नौसेना हो, थलसेना हो, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आरएएफ, हर किसी ने राहत और बचाव अभियान में महती भूमिका निभाई है।
मोदी ने कहा कि आपदायें अपने पीछे जिस प्रकार की बर्बादी छोड़ जाती हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आपदाओं के समय मानवता के भी दर्शन हमें देखने को मिलते हैं। कच्छ से कामरूप तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई अपने-अपने स्तर पर कुछ-न-कुछ कर रहा है ताकि जहां भी आपत्ति आयी हो… वहां जन-जीवन फिर से सामान्य हो सके।
उन्होंने आपदा की इस घड़ी में सहयोग के लिसे सभी आये वर्ग और हर कार्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के योगदान की सराहना की । मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जांबाजों के कठिन परिश्रम का भी विशेष उल्लेख करना चाहते हैं । संकट के इस क्षण में उन्होंने बहुत ही उम्दा काम किया है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल ही ओणम का पर्व था, हम प्रार्थना करेंगे कि ओणम का पर्व देश को और ख़ासकर केरल को शक्ति दे ताकि वो इस आपदा से जल्द से जल्द उबरें और केरल की विकास यात्रा को अधिक गति मिले।
उल्लेखनीय है कि केरल में आई भयंकर बाढ़ के कारण अब तक करीब तीन सौ लोगों की मौत और सम्पत्ति, मकान और मवेशियों का भी भारी नुकसान हुआ है ।