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कैप्टन अमरेंद्र द्वारा औद्योगिक बिजली दरों का मामला विचारने के लिए उच्च स्तरीय बैठक

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लुधियाना-पटियाला  : पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने औद्योग जगत के लिए सस्ती बिजली दरों का मामला विचार-विमर्श के लिए उच्च स्तरीय बैठक करते हुए 2 वरिष्ठ मंत्रियों को आदेश दिया है कि वे मंगलवार को औद्योगपतियों और कारखानेदारों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात करके सरकार के औद्योग को 5 रूपए प्रति यूनिट के वायदे को जल्द लागू करवाने के साथ-साथ उनकी आशंकाओं को दूर करें। सीएम अमरेंद्र सिंह ने बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को यह भी कहा कि वे औद्योगपतियों से मुलाकात करके बिजली दरों को पिछले वक्त से ना लागू करने के इलावा अन्य संबंधित मामलों को हल करने के लिए रास्ता निकाले। आज की विशेष बैठक उपरांत प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने औद्योग जगत को आ रही मुश्किलों और रैगुलेटर द्वारा तय की गई बिजली दरें लागू करने से संंबंधित पैदा हो रही समस्याओं का गंभीर नोटिस लिया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा औद्योग जगत को 5 रूपए प्रति यूनिट बिजली देने के किए गए वायदे को लागू करने में हो रही अब देरी ना की जाएं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के अंदर एक जनवरी 2018 से नए बिजली ढांचे को यर्थात रूप देने के लिए तैयार है। बैठक में विचारे गए अहम अन्य मुददों में पंजाब राज बिजली रैगुलेटरी कमीशन द्वारा घोषित बिजली दरों को 1अप्रैल 2017 से लागू किया जाना शामिल था। अगर तय दरें मौजूदा रूप में लागू होती है तो 600 करोड़ रूपए का वितीय बोझ है।

जबकि उद्योग द्वारा तय बिजली दरों का विरोध किया जा रहा है जो अपने यूनिट का लोड ठीक करवाने के लिए और अधिक वक्त चाहते है। सीएम ने यह भी कहा कि देखने में आया है कि अधिकांश औद्योगों द्वारा अपनी ईकाईयों के लोड कम करवा लिए गए है। जबकि छोटी ईकाईयों विशेषकर बीमार यूनिट जोकि कम समय चलते है को भी नई 2 निश्चित दरों के ढांचे में बुरी तरह लडख़ड़ाई है। इन यूनिटों द्वारा बिजली दरों को सीमित करने की मांग रखी गई थी, जिनको मंगलवार की मीटिंग के दौरान दोनों मंत्रियों द्वारा विचार-विमर्श किया जाएंगा।

औद्योग को 5 रूपए प्रति यूनिट मुहैया करवाने के वायदे को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र द्वारा रैगुलर निश्चित दरें लागू करने के साथ पैदा होने वाले अंतर के लिए सरकार एक हद तक सबसिटी मुहैया करवाने पर भी विचार कर रही है। प्रवक्ता के अनुसार बिजली के सहउत्पादन और बीमार औद्योगिक ईकाईयों का मामला भी कमीशन के पास उठाया जाएंगा। मीटिंग में अन्य के अलावा वितमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह और सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह और मुख्य सचिव बिजली सतीश चंद्रा समेत पावर कॉम के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ऐ वेणु प्रसाद भी मौजूद थे।

अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ

– सुनीलराय कामरेड

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