भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने हिजाब विवाद को लेकर एक विवादित बयान दिया है। जिसके बाद से इस मुद्दे पर सियासत और ज्यादा गर्मायी है दरअसल, भाजपा नेता ने उन युवा मुस्लिम लड़कियों को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया जिन्होंने कॉलेज के मैदान में हिजाब पहनने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था।
छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी संगठन की हैं सदस्य
बीजेपी नेता ने कहा कि “लड़कियों ने एक बार फिर दिखाया है कि वे छात्र नहीं बल्कि एक आतंकवादी संगठन की सदस्य हैं। हैदराबाद से एक आतंकवादी संगठन यहां आया और उन्हें प्रशिक्षण दिया कि मीडिया में क्या बयान दिया जाना चाहिए। वे हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में बयान देकर विद्वान न्यायाधीशों की अवहेलना कर रहे हैं।
भाजपा ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव सुवर्णा ने कहा कि “हमें उनसे देश के लिए क्या उम्मीद करनी चाहिए जब ये छात्राएं विद्वान न्यायाधीशों के फैसलों को राजनीति से प्रेरित और कानून के खिलाफ कहती हैं?” सुवर्णा ने पूछा, “उन्होंने केवल यह प्रदर्शित किया है कि वे देशद्रोही हैं। हमें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला सुनाएगा जो पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा।”
न्यायपालिका और संविधान से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई धर्म नहीं
उन्होंने कहा कि “हम अपने विश्वास में स्पष्ट हैं कि न्यायपालिका और संविधान से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई धर्म नहीं है। कई लोगों ने निगरानी समिति के फैसले को उलटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लोगों का दावा है कि समिति के फैसले अवैध और राजनीति से प्रेरित थे। हालांकि, वही लोगों ने अदालती व्यवस्था के माध्यम से कानूनी सहारा मांगा लेकिन अब न्यायिक प्रणाली के प्रति अनादर का प्रदर्शन किया है।”
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर साधा निशाना
सुवर्णा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब लोगों ने सिद्धारमैया को भगवा पहनने के लिए मनाने की कोशिश की तो उन्होंने कपड़ा फेंक दिया, लेकिन उरोस में वह टोपी पहनने से नहीं हिचकिचाते जो इस्लाम के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने अपने पिछले बयान को दोहराया कि केवल कानून का सम्मान करने वालों को यहां के गर्ल्स पीयू कॉलेज में पढ़ने की अनुमति दी जाएगी और बाकी सभी इस देश के नागरिक होने के लिए अपात्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगला लक्ष्य एक हिंदू राष्ट्र और एक समान नागरिक संहिता बनाना होगा।
कर्नाटक HC ने स्कूल में हिजाब पहनने से किया इंकार
बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया था कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य प्रथा नहीं है। राज्य सरकार के प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए, अदालत ने मंगलवार को कहा कि “स्कूल की वर्दी का निर्धारण एक उचित प्रतिबंध है”। राज्य सरकार, अदालत ने कहा, “सरकारी आदेश जारी करने की शक्ति है”। कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों में विवाद के बीच भारी विरोध हुआ था।