हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव के दौरान राजदूतों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दुनिया भर के निवेशकों को राज्य में निवेश करने का निमंत्रण दिया। उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, ब्रुनेई, रूस और गुयाना के राजदूत इस महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने पर्यटन, हरित ऊर्जा, डाटा भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य टिकाऊ क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया। छह देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के भविष्य के दृष्टिकोण को साझा करना उनके लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार का लक्ष्य 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना और 2032 तक इसे देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक बनाना है।
इसके अलावा, हम 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए परिवर्तनकारी निर्णय लिए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में पर्यटन की अहम भूमिका है, इसलिए हम कई तरह की सुविधाएं और गतिविधियां प्रदान करके अपने पर्यटन क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं। झीलों और जल निकायों को विकसित करने से लेकर उन्हें क्रूज जहाजों, शिकारा की सवारी, मोटर बोटिंग, जेट स्कीइंग और अन्य जल खेलों की मेजबानी के लिए खोलने तक, हम उन जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकास कर रहे हैं, जहां पर्यटक नहीं जा पाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के लोग अपने आतिथ्य पर गर्व करते हैं। यहां के लोग ‘अतिथि देवो भव’ के सिद्धांत पर जीते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि अतिथि हमारे देवता हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव एक वैश्विक आयोजन के रूप में विकसित हुआ है, जिसमें धार्मिक भक्ति के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मिश्रण है। इस वर्ष इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, म्यांमार, रूस, अमेरिका और किर्गिस्तान के सांस्कृतिक दलों के साथ-साथ थाईलैंड और उज्बेकिस्तान के कलाकारों ने शुक्रवार को संपन्न हुए उत्सव में प्रस्तुति दी।