BREAKING NEWS

पदक विसर्जित करने हरिद्वार पहुंचे पहलवान, श्री गंगा सभा ने नहीं दी विसर्जन की अनुमति, हंगामा◾कर्नाटक में प्रशिक्षण विमान आपातकालीन लैंडिंग◾प्रदर्शनकारी पहलवानों को लगा झटका, दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर नहीं दी धरने की अनुमति ◾रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, जम्मू और कश्मीर में G20 बैठक की मेजबानी केंद्र शासित प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाएगी◾ दिल्ली उच्च न्यायालय ने पशु तस्करी मामले में ED को जारी किया नोटिस◾किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों से लिए मेडल, 5 दिन का मांगा समय ◾पाकिस्तान से 290 से अधिक अफगान कैदियों को रिहा किए जाने की संभावना है : रिपोर्ट◾आबकारी नीति केस: ED की चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल का नाम, क्या बढ़ेगी मुश्किलें?◾समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के अपमानजनक लेख से नाराज NCP नेता , महाराष्ट्र CM शिंदे को लिखा पत्र ◾Air India: फ्लाइट में यात्री ने किया हंगामा, क्रू को पहले गालियां दीं फिर की मारपीट◾Wrestlers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा 1 जून को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ करेगा विरोध प्रदर्शन◾हरियाणा में बारिश के साथ तेज हवाओ की आक्षांका ◾देवेंद्र फडणवीस सबसे ज्यादा असंतुष्ट हैं - संजय राउत◾लुधियाना ब्लास्ट केस: NIA ने दो लोगों के खिलाफ दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, विस्फोट में गई थी एक की जान◾साक्षी हत्याकांड: DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात, न्याय का दिया आश्वासन◾मनसुख मंडाविया ने कहा- "हिंदी सरकारी मामलों में हमारे स्वाभिमान का प्रतीक भाषा बन सकती है ..." ◾हिंदी सरकारी मामलों में हमारे स्वाभिमान का प्रतीक भाषा बन सकती है - मनसुख मंडाविया◾दिल्ली में 24 घंटे में दूसरा मर्डर, 35 साल की महिला की चाकू मारकर हत्या◾Madhya Pradesh: पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष ने 'गौ मंत्रालय' स्थापित करने का राज्य सरकार किया आग्रह◾आरबीआई का बड़ा दावा, 2023-24 में भारत की विकास गति कायम रहने की संभावना◾

पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर बाजार में आएगी उनकी नई किताब

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक दर्शन, उनके विचारों और कार्यों पर प्रकाश डालती एक नई किताब जल्द ही पाठकों के समक्ष होगी। यह किताब ‘‘वाजपेयी : दि ईयर्स दैट चेंज्ड इंडिया" नाम से प्रकाशित हो रही है, जो वाजपेयी की 96वीं जयंती पर बाजार में आएगी। इस किताब को शक्ति सिन्हा ने लिखा है जिन्होंने 1990 के दशक में वाजपेयी के साथ करीब साढ़े तीन साल तक काम किया था। उन्होंने वाजपेयी के नेता प्रतिपक्ष (वर्ष 1996-97) रहने के दौरान पहले उनके सचिव और 1998-99 में निजी सचिव के तौर पर काम किया था।

सिन्हा ने कहा, ‘‘ आज अटल बिहारी वाजपेयी को शिद्दत से याद किया जाता है। लोग नहीं जानते कि वर्ष 1998 में उनके लिये सरकार बनाना और फिर उसे चलाना कितना मुश्किल था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद उन्होंने परमाणु परीक्षण का और विरोधाभासी तरीके से पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का फैसला किया। कारगिल का जब युद्ध हुआ तो उन्होंने कैसे साहसिक तरीके से भारत की रक्षा की और प्रधानमंत्री के तौर पर सफल होने से उन्हें रोकने के लिये कैसे उनकी सरकार गिराई गई।’’ इसका जिक्र किताब में है।

उल्लेखनीय है कि सिन्हा फिलहाल वडोदरा स्थित एम एस विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मानद निदेशक थे।