नयी दिल्ली : लोगों के चेहरों से होली का रंग भले ही उतर गया हो और त्यौहार खुशनुमा यादें पीछे छोड़ गया हो लेकिन शहर में इस दौरान महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं ने उनके लिए होली का रंग बेरंग कर दिया तथा कुछ अमिट घाव छोड़ गया। होली से पहले ऐसी कुछ शिकायतें आयीं जिनमें महिलाओं ने वीर्य से भरे गुब्बारे मारे जाने की बात कही। इस तरह का पहला हमला लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा तोलोनी चिशी के साथ हुई। पूर्वोत्तर की रहने वाली चिशी ने सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी दी। एक मार्च को पटना की रहने वाली गजाला रशीद ने भी सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती बतायी।
उसने लिखा, ‘‘मैं अपनी पूरी जिंदगी इसे नहीं भूलूंगी। आज कुछ गुंडों ने मुझपर और मेरी दोस्त के चेहरे पर पानी से भरे गुब्बारे मारे।’’ राशीद ने लिखा कि हमले में उसकी दायीं कान पर चोट लगी, नाक से खून आने लगा और चेहरा सूज गया। उसने कहा, ‘‘जब मेरी दोस्त ने पुलिस को बुलाया, वे (मदद के लिए) आनाकानी करने लगे।’’ ऐसा नहीं है कि दिल्ली में लंबे समय से रह रही महिलाएं इस तरह के हिंसक गुब्बारा हमलों से बच जाती हैं। हाल के वर्षों में शहर आयीं लड़कियों के लिए त्यौहार के नाम पर परेशान किया जाना नयी बात होती है। इनमें से कई लड़कियां सार्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया पर इन कृत्यों का विरोध कर रही हैं। दिल्ली के कॉलेज की छात्राओं ने भी होली के नाम पर होने वाली गुंडागर्दी के खिलाफ पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शन मार्च निकाले।
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