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गृह मंत्री अमित शाह ने रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि को बताया ‘ऐतिहासिक’

अमित शाह ने गेहूं व चना सहित रबी की छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि किए जाने के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए सोमवार को इसे किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में केंद्र सरकार का सार्थक प्रयास बताया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गेहूं व चना सहित रबी की छह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि किए जाने के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए सोमवार को इसे किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में केंद्र सरकार का सार्थक प्रयास बताया। 
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर संसद से पारित कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 का विरोध करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और कहा कि इन कृषि सुधार विधेयकों का विरोध करने वाले लोग असल में किसानों की खुशहाली के विरोधी हैं। 

शाह ने कहा कि मोदी सरकार का हर दिन, हर क्षण किसानों और गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित रहा है तथा आज छह रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाकर उसने अपने उसी संकल्प को पुनः दोहराया है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने रबी फसलों की एमएसपी में ऐतिहासिक वृद्धि कर किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में सार्थक प्रयास किया है।’’ 
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जो लोग किसानों को भड़का कर अपनी खोई राजनीतिक जमीन ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने 2009-14 तक सत्ता में रहते हुए किसानों से मात्र 1.25 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी जबकि मोदी सरकार ने 2014-19 में 76.85 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी। 
उन्होंने कहा कि इतना बड़ा फर्क उनके ढोंग और मोदी जी के समर्पण को साफ दर्शाता है। मोदी सरकार के कृषि सुधार विधेयकों का विरोध करने वाले लोग असल में किसानों की खुशहाली और उनकी उपज के सही मूल्य के विरोधी हैं। यह लोग नहीं चाहते कि देश का पेट भरने वाला अन्नदाता कभी उनके समान समृद्ध और सशक्त हो पाए। लेकिन मोदी सरकार किसानों को उनका अधिकार देकर रहेगी।’’ 
कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दल इस विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि इन दोनों विधेयकों के कारण देश के किसानों में एमएसपी पर खरीद को लेकर आशंकाएं उत्पन्न हो गई हैं जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए।

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