केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को साइबर अपराधों के बारे में कहा कि, नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले सात वर्षो में साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया है और अब यह व्यवस्था पुलिस चौकी स्तर तक पूरी तरह से एकीकृत हो गई है। गृह मंत्री ने यह बात साइबर अपराध, धमकी, चुनौतियां और प्रतिक्रिया’ पर सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा, देश के सभी 16,347 पुलिस स्टेशनों में अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) लागू किया गया है। वहीं 99 फीसदी थानों में 100 फीसदी एफआईआर सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज की जा रही है, जिसमें नवस्थापित थाने भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, साइबर अपराधों के खिलाफ विश्लेषणात्मक उपकरण बनाने का काम भी 40 फीसदी तक पूरा कर लिया गया है, जबकि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस और वकीलों को प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।
अब तक छह लाख शिकायतें हुई है प्राप्त
शाह ने कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा ई-पहल, जैसे कि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिग पोर्टल (एनसीआरपी), सुविधा प्रदान करती है। शिकायतकर्ता साइबर अपराध की ऑनलाइन रिपोर्ट करें। गृहमंत्री ने कहा, अब तक छह लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं और 12,776 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जबकि राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई (एनसीटीएयू) ने 142 साइबर अपराध रोकथाम सलाह जारी की है और 266 मोबाइल ऐप को ब्लॉक कर दिया है। बैठक में उन्होंने बताया कि, सात संयुक्त साइबर अपराध समन्वय समूह (जेसीसीटी) का गठन किया गया है, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं बनेंगी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए पुलिसकर्मियों को किया गया है पंजीकृत
गृह मंत्री ने पैनल को सूचित किया कि राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र (एनसीटीसी) ने ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए 8,075 पुलिसकर्मियों को पंजीकृत किया और 1,877 प्रमाणपत्र जारी किए, जबकि पांच शोध और राष्ट्रीय साइबर अनुसंधान और नवाचार केंद्र (एनसीआर और आईसी) के विकास प्रस्तावों का चयन किया गया। बैठक के दौरान, साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए गृह मंत्रालय द्वारा किए गए विभिन्न उपायों को समिति के सदस्यों के साथ साझा किया गया, जिसमें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिग पोर्टल, कहीं से भी साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली की स्थापना कर साइबर क्षमता निर्माण करना शामिल है। बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा, निशीथ प्रमाणिक और मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।