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गलवान वीरों को सम्मान, चीनी सैनिकों से लोहा लेने वाले शहीद कर्नल संतोष बाबू महावीर च्रक से सम्मानित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना से लोहा लेते हुए शहीद भारतीय सेना के वीर जवानों को सम्मानित किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना से लोहा लेते हुए शहीद भारतीय सेना के वीर जवानों को सम्मानित किया। इस झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया। 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिग अफसर कर्नल संतोष बाबू मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नल संतोष बाबू की मां और पत्नी को पुरस्कार देते हुए उन्हें सम्मानित किया। वहीं, उनके साथ आपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे वीरगति को प्राप्त चार अन्य सैनिकों को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया। नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह भी इस आपरेशन का हिस्सा थे।
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जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर एक आतंकवादी को मारने और दो अन्य को घायल करने के लिए 4 पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनकी पत्नी को यह पुरस्कार मिला। इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया।
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सेना के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में आपरेशन स्ने-लेपर्ड के दौरान बिहार रेजीमेंट (16 बिहार) के कर्नल बिकुमाला संतोष बाबू को कमांडिंग आफिसर के तौर पर आब्जर्वेशन-पोस्ट स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 
दुश्मन की हिंसक और आक्रामक कार्रवाई के सामने उन्होंने स्वयं से पहले सेवा की सच्ची भावना को ऊपर रखा और दुश्मन की भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने की कोशिश का लगातार विरोध करते रहे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वे झड़प में अपनी आखिरी सांस तक नेतृत्व करते रहे।

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