केंद्र सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है जिसमे देश की दस ख़ुफ़िया एजेंसियों को देश भर की सभी कंप्यूटर और इंटरसेप्ट करने की क्षमता दी है। लेकिन अब केंद्र सरकार के इस फैसले से ख़ुफ़िया एजेंसियों को ईमेल ही नहीं बल्कि देश भर के कंप्यूटर में रखा हर तरह का डाटा पर नजर राखी जा सकेगी बता दें ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं।
क्योंकि ऐसा ही माजरा पहले भी देखने को मिला था। जब कांग्रेस की सरकार थी। तब सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम नाम की व्यव्स्था थी जो आज भी एक रहस्य के जैसा ही है। इंटरसेप्ट यानी आपको कंप्यूटर तक पहुंचने वाला डेटा इसको कोइ जांच एंजेंसी इंटरसेप्ट करके ये पता लगा सकती है की क्या-क्या हो रहा है किसके साथ कैसी बातचीत चल रही है। चाहे बातचीत कैसी भी हो वीडियो कॉल या भी वॉइस कॉल या फिर चिटचैट की तरह ही क्यों न हो मॉनिटरिंग यानी एजेंसी चाहे तो आपके कंप्यूटर तक पहुंच कर इसकी निगरानी कर सकती है।
लगतार अपनी पेनी नजर बनाये रखती है। की आप अपने कंप्यूटर पर क्या कर रहे हो। अगर आप अपना डेटा सिक्योर करके रखते है तो भी तो एजेंसी इसे एन्क्रिप्ट करके इसमें से सारी की सारी जानकारिया प्राप्त कर लेती है। और इतना ही नहीं जहा से आप इंटरनेट खरीदते हैं वह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आपकी सारी की सारी जो भी अपने चलाया है उसकी पूरी हिस्ट्री सरकारी एजेंसी को दे देती है। इसके पीछे सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी का हवाला दिया है।