महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा के चलते महाविकास अघाडी सरकार गिर गई, लेकिन शिवसेना से बगावत करके एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सिंहासन पर विराजमान हो गए। सबसे बडा सवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को मनाने का था, क्योंकि भाजपा को शिंदे गुट ने परोक्ष रूप से समर्थन दे रखा था।
राजनीतिक हल्कों में कोई ऐसी कल्पना नही कर सकता थी की देवेंद्र फडणवीस को राज्य का सीएम ना बनाकर डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेस कर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को सीएम पद देने की घोषणा की, और खुद सरकार में शामिल ना होने का ऐलान किया था। सूत्रों ने बताया हैं कि “देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र में हो रहे हर डेवलपमेंट की जानकारी थी। उनके और उनके तेज राजनीतिक कौशल के बिना यह वास्तव में नहीं हो सकता था। इसलिए, यह कहना बहुत दूर की बात है कि फडणवीस को लूप में नहीं रखा गया था।”
फडणवीस को पीएम मोदी ने कम से कम दो बार किया फोन , फैसले पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह
सूत्रों ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी के कम से कम दो बार पर फोन करने के बाद डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर फडणवीस से अपील की थी।
देवेंद्र फडणवीस पार्टी के वफादार कैडर रहे
भाजपा के एक विश्वस्त नेता ने कहा की फडणवीस एक शीर्ष प्रशासक और एक ईमानदार नेता रहे हैं। पार्टी को इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने एक आश्चर्यजनक घोषणा की है। उन्हें कुछ घंटों के भीतर ही अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था।” पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया, “देवेंद्र एक वफादार पार्टी कैडर रहे हैं। वह लगातार ऊपर उठे हैं। इसलिए वह सिस्टम में अनुशासन को समझते हैं।”
फडणवीस के नेतृत्व के कारण ही तीसरी राज्यसभा सीट जीतने में कामयाब रही भाजपा
पार्टी के एक शीर्ष पदाधिकारी ने फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उनके नेतृत्व के कारण पार्टी हाल ही में तीसरी राज्यसभा सीट जीतने में सफल रही और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर तख्तापलट भी किया।
आपको बता दे कि देवेंद्र फडणवीस भाजपा के युवा व तेजतर्रार नेता हैं, जो महाराष्ट्र भाजपा का मुख्य चेहरा भी हैं, अपने कार्यकाल में देवेंद्र फडणवीस कई ऐतिहासिक फैसले लिए जो मिसाल के तौर पर देखे जाते हैं। एक पार्षद के पद से राज्य के सीएम तक का सियासी सफर देवेंद्र फडणवीस ने बिना किसी आरोप के तय किया हैं।